
झारखंड विधानसभा चुनाव: 5 साल में कैसे बदली राजनीति? मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी सहित हुए दल बदल
क्या है खबर?
चुनाव आयोग ने झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। वहां 81 विधानसभा सीटों पर 2 चरणों में 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतगणना 23 नवंबर को ही होगी।
पिछले 5 सालों में राज्य की राजनीति में कई बदलाव हुए। एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा देना पड़ तो दूसरे को ने पद छोड़ने के बाद पाल बदल लिया।
वर्तमान में वहां झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार है।
कार्यक्रम
कैसा है महाराष्ट्र का पूरा चुनावी कार्यक्रम?
झारखंड में पहले चरण की अधिसूचना 18 अक्टूबर को जारी होगी और 25 अक्टूबर तक नाम वापसी होगी। उसके बाद 13 नवंबर को मतदान होगा।
इसी तरह दूसरे चरण की अधिसूचना 22 अक्टूबर को जारी होगी और 20 नवंबर को मतदान होगा। 23 नवंबर को मतगणना होगाी।
राज्य में इस बार 2.6 करोड़ मतदाता होंगे, जिनमें 1.31 करोड़ पुरुष और 1.29 करोड़ महिलाएं होंगी। 11.84 लाख युवा पहली बार मतदान करेंगे। राज्य में कुल 29,562 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
चुनाव
विधानसभा चुनाव 2019 में क्या हुआ था?
झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर, 2019 के बीच 5 चरण में हुए मतदान के बाद 23 दिसंबर, 2019 को नतीजे घोषित किए गए थे।
उसमें सत्ताधारी भाजपा बहुमत के आंकड़े (41 सीट) से दूर रह गई। JMM सबसे ज्यादा 30 सीटें मिली।
इसी तरह भाजपा को 25, कांग्रेस को 16, झारखंड विकास मोर्चा (JVM) को 3 और ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) के 2 सीटें मिली थीं। शेष 5 सीटें निर्दलीय, RJD, CPI(ML) और NCP ने जीती थीं।
सरकार
महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन
चुनाव में भाजपा की हार के बाद मुख्यमंत्री रहे रघुबर दास ने इस्तीफा दे दिया। ऐसे में राज्य में JMM के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार का उदय हो गया।
इस गठबंधन में कांग्रेस, RJD, CPI(ML) और NCP भी शामिल हुई। इसके अलावा JVM प्रमुख और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी सोरेन सरकार को समर्थन दे दिया।
इसके बाद JMM विधायक दल ने हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री चुना गया और 29 दिसंबर को उन्होंने शपथ ले ली।
दल-बदल
सरकार बनने के 2 महीने बाद शुरु हुआ दल बदलने का खेल
महागठबंधन सरकार बनने के महज 2 महीने बाद यानी फरवरी 2020 में झारखंड के पहले मुख्यमंत्री मरांडी घर वापसी करते हुए भाजपा में शामिल हो गए और अपनी पार्टी (JVM) का भाजपा में विलय भी कर दिया।
इसके परिणामस्वरूप भाजपा ने उन्हें अपना प्रदेशाध्यक्ष भी बनाया।
उसी समय JVM से निकाले गए विधायक प्रदीप यादव और बंधु तीर्की भी कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने ही उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी।
गिरफ्तारी
खनन पट्टा मामले में गिरफ्तारी से पहले हेमंत दिया मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
साल 2022 में चुनाव आयोग ने झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस को एक याचिका पर राय भेजते हुए मुख्यमंत्री हेमंत को खुद को एक खनन पट्टा जारी करने के मामले में अयोग्य ठहराने की मांग की, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उसके बाद बाद जांच चलती रही और 31 जनवरी 2024 को भूमि घोटाले के आरोपों के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हेमंत को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
जानकारी
हेमंत की गिरफ्तारी के बाद चंपई बने मुख्यमंत्री
हेमंत की गिरफ्तारी के बाद शिबु सोरेन के करीबी चंपई सोरेन JMM विधायक दल के नेता चुने गए और 2 फरवरी, 2024 को उन्होंने मुख्यमंत्री की शपथ ले ली। चंपई शिबु और हेमंत के बाद मुख्यमंत्री बनने वाले JMM के तीसरे नेता बने थे।
जमानत
जमानत मिलने के बाद हेमंत फिर बने मुख्यमंत्री
चंपई के मुख्यमंत्री बनने के 5 महीने बाद 28 जून को झारखंड हाई कोर्ट ने 8.36 एकड़ जमीन के अवैध कब्जे के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत को जमानत दे दी।
उसके बाद फिर झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन की कवायद शुरू हो गई। पार्टी ने तय किया हेमंत फिर से राज्य की कमान संभालेंगे।
इस बीच 3 जुलाई को चंपई ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और 4 जुलाई को हेमंत ने फिर से राज्य की सत्ता संभाल ली।
बगावत
चंपई ने की बगावत, थामा भाजपा का दामन
हेमंत के मुख्यमंत्री बनने के बाद चंपई ने बगावत कर दी। 18 अगस्त को उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए JMM से अलग होने का ऐलान कर दिया। उन्होंने पोस्ट में पार्टी नेतृत्व पर उन्हें अमानित करने का आरोप लगाया।
इसके बाद 26 अगस्त को उन्होंने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मुलाकात की और 28 अगस्त को JMM से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद 30 अगस्त को वह भाजपा में शामिल हो गए।
उपचुनाव
5 साल में 7 सीटों पर हुए उपचुनाव
राज्य में पिछले 5 साल में 7 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए। इनमें सबसे पहले नवंबर 2020 में बेरमो और दुमका सीट पर उपचुनाव हुए, जिसमें JMM ने ही जीत हासिल की थी।
उसके बाद मई 2021 में मधुपुर में JMM, जून 2022 में मांडर में कांग्रेस और मार्च 2023 में रामगढ़ सीट पर AJSU उम्मीदवार ने जीत दर्ज की।
इसी तरह सितंबर 2023 में डुमरी और जून 2024 में गांडेय सीट के उपचुनाव को भी JMM ने जीता।