मणिपुर: चुराचांदपुर जिले में 2 महीने के लिए धारा 144 लागू
मणिपुर के आदिवासी बहुल इलाकों से छिटपुट हिंसा की खबरें आने के बाद प्रदेश सरकार ने मंगलवार को चुराचांदपुर जिले में धारा 144 लागू कर दी। इंडिया टुडे के मुताबिक, इसे 18 दिसंबर से लागू किया गया है और ये 18 फरवरी, 2024 तक लागू रहेगी। मणिपुर सरकार ने यह आदेश तब जारी किया है, जब एक आदिवासी संगठन ने जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों को सामूहिक रूप से दफनाने का ऐलान किया है।
शवों को दफनाने का चल रहा है क्रम
मणिपुर हिंसा के बीच 8 महीने बाद संघर्ष में मारे गए लोगों के शवों को दफनाने का क्रम शुरू हो गया है। 3 दिन पहले कुकी समुदाय के 19 शवों को कांगपोकपी जिले में दफनाया गया था। यह अंतिम संस्कार कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (COTU) ने किया। इसी कड़ी में चुराचांदपुर स्थित प्रभावशाली आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITFL) ने 60 से अधिक शवों को सामूहिक रूप से दफनाने की घोषणा की है, जिसके बाद माहौल गर्म है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रहा है अंतिम संस्कार
पिछले महीने नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा की जांच के लिए नियुक्त समिति की रिपोर्ट के आधार पर शवों का अंतिम संस्कार करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति गीता मित्तल समिति द्वारा दाखिल रिपोर्ट में कहा गया था कि 175 शवों में से कुल 169 शवों की पहचान हो गई है, 81 शवों पर परिजनों ने दावा किया है, जबकि 94 शवों लावारिस हैं। रिपोर्ट में बताया गया था कि संगठन शवों को उठाने नहीं दे रहे।
मणिपुर में अब तक हुई 200 मौत
मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों में जातीय हिंसा जारी है। 4 दिसंबर को इंटरनेट से पाबंदी हटते ही तेंगनौपाल जिले में 2 उग्रवादी समूहों के बीच गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे। हिंसा में अब तक कुल 200 लोग मारे गए हैं। बता दें कि मणिपुर में मैतेई आबादी के लगभग 53 प्रतिशत हैं, जो इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं, जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं।