प्रधानमंत्री मोदी की बुलाई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी ममता बनर्जी, कही यह बात
केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच चल रही तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को केंद्र सरकार ने 'एक देश, एक चुनाव' मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसके लिए भेजे गए निमंत्रण के जवाब में ममता बनर्जी ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर इस मामले पर श्वेत पत्र तैयार करने को कहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि वो इस बैठक में भाग नहीं लेंगी।
ममता ने की श्वेत पत्र जारी करने की मांग
अपने पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि 'एक देश, एक चुनाव' जैसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर इतने कम समय में विचार करना न्यायोचित नहीं होगा। इस मामले पर संविधान विशेषज्ञों, चुनाव विशेषज्ञों और सभी पार्टी के सदस्यों से राय लेनी चाहिए। उन्होंने लिखा कि इस मामले में जल्दबाजी करने से बेहतर है कि श्वेत पत्र जारी कर विभिन्न पार्टियों से उनके विचार जानने चाहिए। ऐसा होने पर उनकी पार्टी इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपने विचार रख पाएगी।
क्या होता है श्वेत पत्र
श्वेत पत्र एक प्रकार का आधिकारिक लिखित दस्तावेज होता है जिसमें सरकार या कोई सरकारी या निजी संस्था किसी विषय, मुद्दे, नीति और समस्या पर अपनी जानकारी, सोच व विचारों को स्पष्ट करती है। इसमें उस विषय की पूरी जानकारी होती है।
महत्वपूर्ण मामलों पर होगी बुधवार की बैठक
प्रधानमंत्री मोदी ने उन सभी राजनीतिक पार्टियों के सदस्यों को बुधवार को होने वाली बैठक में आमंत्रित किया है, जिनके राज्यसभा या लोकसभा में सदस्य हैं। इस बैठक में 'एक देश, एक चुनाव' पर विचार, 2022 में आजादी के 75वें वर्ष के जश्न, महात्मा गांधी के इस साल 150वें जयंती वर्ष को मनाने समेत कई मामलों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक के बाद 20 जून को सभी सांसद रात्रिभोज के समय एक और बैठक करेंगे।
नीति आयोग की बैठक में भी नहीं आई थीं ममता
ममता इसी महीने हुई नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। बैठक से पहले ममता ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय और राज्य की योजनाओं को समर्थन देने का अधिकार नहीं है। इसलिए उनका इस बैठक में आना बेकार है। इससे पहले ममता ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में भी हिस्सा नहीं लिया था। उन्होंने पश्चिम बंगाल से भाजपा कार्यकर्ताओं को बुलाए जाने पर कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री भी नहीं लेंगे हिस्सा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव भी इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। वो राज्य में 21 जून को एक सिंचाई कार्यक्रम के उद्घाटन को लेकर व्यस्त रहेंगे। उनकी जगह उनके बेटे इस सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेंगे। गौरतलब है कि राव भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। उससे पहले उन्होंने 30 मई को प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी शिरकत नहीं की थी।