जंतर-मंतर पर सरकार के खिलाफ धरने में शामिल हो सकते हैं राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी के दिन हजारों किसान, पूर्व सैनिक, दलित, महिलाएं और युवा, मोदी सरकार के खिलाफ जंतर-मंतर पर 9 दिन का धरना शुरु करने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले संसद से कुछ ही दूरी पर होने वाले इस धरने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जुड़ने की भी संभावना है। धरने में रोजगार, कृषि संकट, महिलाओं के खिलाफ अपराध और सांप्रदायिकता, अहम मुद्दे रहेंगे।
किसान, पूर्व सैनिक और युवा साथ मिलकर करेंगे धरना
अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS), यंग इंडिया और भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ 9 दिन का धरना आयोजित करेंगे। धरने के राष्ट्रीय समन्वयक और प्रवक्ता मेजर (रिटायर्ड) प्रियदर्शी चौधरी ने कहा, "हमने समाज के विभिन्न वर्गों से लोगों को एक साथ इकट्ठा किया है और हमारा फोकस ऐसे मुद्दों पर रहेगा जो सभी के लिए अहम हैं।" धरने में हर रोज एक नए मुद्दे पर सरकार को घेरा जाएगा जिनमें रोजगार और कृषि संकट प्रमुख है।
विपक्ष से किया आयोजकों ने संपर्क
पिछले कुछ महीनों में यह देश की राजधानी में दूसरा बड़ा विरोध कार्यक्रम होगा। पिछले साल नवंबर में भी हजारों किसानों ने कर्ज माफी और फसल की बेहतर कीमत के लिए दिल्ली में मार्च आयोजित किया था। कार्यक्रमों के आयोजकों ने विभिन्न पार्टियों के नेताओं से भी अपनी मांगों को लेकर संपर्क किया है। चौधरी के बताया कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने धरने को अपना समर्थन दिया है।
राहुल और केजरीवाल ले सकते हैं हिस्सा
'हिंदुस्तान टाइम्स' की खबर के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे बड़े नाम धरने में शामिल हो सकते हैं। धरना मोदी सरकार के अंतिम बजट सत्र से पहले शुरु होगा। धरना 7 फरवरी को लाल किले से संसद तक की मार्च के साथ खत्म होगा। लोकसभा चुनाव से पहले राजधानी दिल्ली में होने वाले इस धरने का इस्तेमाल मोदी सरकार के राजनीतिक विरोधी उसके खिलाफ माहौल बनाने के लिए करना चाहेंगे।