ओम बिरला हो सकते हैं लोकसभा स्पीकर, कांग्रेस को फिर नहीं मिलेगा नेता विपक्ष का पद
राजस्थान के कोटा-बूंदी से भाजपा सांसद ओम बिरला लोकसभा स्पीकर हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) इस पद के लिए ओम बिरला का नाम आगे बढ़ा सकता है। अगर नामांकन होता है तो उनका लोकसभा स्पीकर बनना तय है। ससंद के निचले सदन में NDA का बहुमत है तो उनको स्पीकर बनाने में किसी तरह की मुश्किलें नहीं आएंगी। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
बुधवार को होगा लोकसभा स्पीकर का चुनाव
लोकसभा स्पीकर पद के लिए बुधवार को चुनाव होना है और विपक्ष ने अभी तक इसके लिए किसी भी उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया है। मंगलवार शाम तक इस पद के लिए नामांकन दाखिल किया जा सकता है।
सुमित्रा महाजन की जगह लेंगे ओम बिरला
ओम बिरला दूसरी बार राजस्थान से सांसद चुने गए हैं। इससे पहले वह तीन बार विधायक रह चुके हैं। अगर वो लोकसभा स्पीकर बनते हैं तो आठ बार लोकसभा सांसद रही सुमित्रा महाजन का स्थान लेंगे। आमतौर पर लोकसभा स्पीकर पद के लिए वरिष्ठ सदस्यों को प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां पहली या दूसरी बार के सासंदों को लोकसभा स्पीकर बनाया गया है।
पहली बार के सांसद मुरली मनोहर जोशी को बनाया गया था स्पीकर
मुरली मनोहर जोशी को साल 2002 में लोकसभा स्पीकर बनाया गया था। बतौर लोकसभा सांसद यह उनका पहला कार्यकाल था। उन्हें जीएमसी बालयोगी की जगह स्पीकर बनाया गया था, जिनकी एक हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी।
कांग्रेस को फिर नहीं मिलेगा नेता विपक्ष पद
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को इस बार भी नेता विपक्ष का पद नहीं मिलेगा। इस पद के लिए किसी भी पार्टी के पास लोकसभा की 10 फीसदी सीटें होना जरूरी है। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 52 सीटें मिली थी, जबकि इस पद के लिए 55 सीटों की जरूरत होती है। पिछली बार भी कांग्रेस को नेता विपक्ष का पद नहीं मिला था। यह लगातार दूसरी बार होगा, जब संसद में कोई नेता विपक्ष नहीं होगा।
कांग्रेस के पास पर्याप्त सदस्य नहीं
नियमों के मुताबिक, लोकसभा स्पीकर इस मामले में फैसला लेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुराने मामले और नियमों को देखते हुए इस बार भी सत्ताधारी भाजपा के बाद संसद में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को यह पद नहीं दिया जाएगा। मामले की जानकारी रखने वाले एक नेता ने बताया कि पिछली बार जब कांग्रेस को यह पद नहीं मिला तो इस बार कैसे दिया जा सकता है। पिछली बार भी कांग्रेस ने इस पद की मांग की थी।