महाराष्ट्र: सांगली और भिवंडी सीट पर विपक्ष में विवाद खत्म, उद्धव और पवार के उम्मीदवार उतरेंगे
महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का समझौता हो गया है। इनमें सांगली और भिवंडी सीट भी शामिल हैं, जिन पर विवाद था। उद्धव ठाकरे की शिवसेना से चंद्रहार पाटिल सांगली लोकसभा सीट से उम्मीदवार होंगे। उनका मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद संजय काका पाटिल से होगा। कांग्रेस ने भिवंडी सीट शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के लिए छोड़ी है। NCP ने यहां से सुरेश महात्रे को टिकट दिया है।
क्या था सांगली सीट पर टकराव?
कांग्रेस का तर्क था कि सांगली उनका गढ़ है और यहां से उसके 2 विधायक हैं, जबकि शिवसेना के पास एक भी नहीं। कांग्रेस यहां पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के पोते विशाल पोते को उतारना चाहती थी। शिवसेना का तर्क था कि उसने रामटेक और कोल्हापुर सीट कांग्रेस को दी है, ऐसे में उसे सांगली सीट मिलनी चाहिए। काफी विवाद के बाद कांग्रेस शांत हो गई और विशाल को राज्यसभा भेजने का वादा किया गया है।
भिवंडी सीट क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी कांग्रेस?
कांग्रेस भिवंडी सीट को भी पारंपरिक बता रही थी। उसका कहना था कि पिछले लोकसभा चुनाव में उसके उम्मीदवार को अच्छे वोट मिले थे। यहां के मौजूदा सांसद भाजपा के कपिल पाटिल हैं। इस मांग को दरकिनार करते हुए शरद पवार ने अपनी दूसरी सूची में भिवंडी से सुरेश महात्रे उर्फ बाल्या मामा का नाम घोषित कर दिया। महात्रे 7 बार पार्टी बदल चुके हैं। कांग्रेस की ओर से ठाणे ग्रामीण जिला अध्यक्ष दयानंद चोराघे लड़ना चाहते थे।
किस पार्टी को कितनी सीटें मिलीं?
लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में MVA के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। कांग्रेस को 17, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) को 21 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) गुट को 10 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र की 48 सीटों पर 5 चरणों में मतदान होगा।