#NewsBytesExplainer: महाराष्ट्र में महायुति और MVA में क्यों नहीं हो पा रहा सीट बंटवारा?
लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी गठबंधन INDIA अपने-अपने सहयोगियों के बीच सीट बंटवारा कर रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र में पेंच अभी भी फंसा हुआ है। यहां सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) ने अभी तक सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप नहीं दिया है और कई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। आइए जानते हैं कि दोनों गठबंधनों में किन सीटों को लेकर मतभेद हैं।
महायुति में 8 सीटों पर फंसा पेंच
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, महायुति में कम से कम 8 सीटों पर सहमति नहीं बन पा रही हैं। इन सीटों पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के स्थानीय नेताओं और भाजपा नेताओं के बीच मतभेद हैं। इनमें बारामती, अमरावती, पालघर, मुंबई दक्षिण, थाने, रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग, गढ़चिरौली-चिमूर, नासिक और रामटेक शामिल हैं। इसके अलावा कल्याण सीट को लेकर भी मतभेद हैं, जहां से मुख्यमंत्री शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे निवर्तमान सांसद हैं।
किस सीट पर क्यों है खींचतान?
अमरावती को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि यह सीट भाजपा के खाते में आएगी, लेकिन यहां से शिवसेना के आनंदराव बासी अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं ठाणे के सांसद राजन विचारे उद्धव ठाकरे और पालघर के सांसद राजेंद्र गावित शिंदे गुट की शिवसेना के साथ हैं। इन दोनों सीटों पर भाजपा दावेदारी कर रही है, जबकि शिवसेना इन्हें अपनी पारंपरिक सीट बताकर दावा कर रही है।
NCP और भाजपा में भी मतभेद
रामटेक से शिंदे सेना के कृपाल तुमाने सांसद हैं, लेकिन यहां से भाजपा दावेदारी कर रही है। नासिक में सीट बंटवारे पर चर्चा से पहले ही श्रीकांत ने मौजूदा सांसद हेमंत गोडसे की उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है। गढ़चिरौली में भाजपा और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में मतभेद हैं। रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग पर नारायण राणे अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं, जबकि उद्योग मंत्री उदय सामंत के भाई किरण सामंत यहां से दावेदारी कर रहे हैं।
MVA में किन-किन सीटों पर हैं मतभेद?
MVA में भी करीब 8 सीटों पर विवाद है। सांगली सीट को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच खींचतान चल रही है। यहां दोनों पार्टियों ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसके अलावा रामटेक, भिवंडी, बुलढाणा, मुंबई उत्तर मध्य और मुंबई दक्षिण मध्य में भी दोनों पार्टियों में मतभेद हैं। कांग्रेस रामटेक, भिवंडी और मुंबई की 2 में से एक सीट मांग रही है, जिस पर उद्धव ठाकरे सहमत नहीं हैं।
इन सीटों को लेकर आमने-सामने कांग्रेस और NCP
कांग्रेस और NCP (शरद गुट) में वर्धा और भंडारा-गोंदिया सीट को लेकर बातचीत चल रही है। कांग्रेस सूत्रों ने दावा किया कि वर्धा सीट पर उसका उम्मीदवार उतरना पक्का हो गया है, इसके बावजूद शरद पवार ने वर्धा सीट मांगी है। खबर है कि यहां से कांग्रेस के एक पूर्व विधायक चुनाव लड़ने के लिए पार्टी भी बदल सकते हैं। शरद भिवंडी सीट को छोड़ने से भी इनकार कर रहे हैं।
दोनों गठबंधन में क्या है सीट बंटवारे का फॉर्मूला?
MVA में सीट बंटवारे के फॉर्मूले के तहत शिवसेना (उद्धव गुट) को 19, कांग्रेस को 16 और NCP शरद को 9 सीटें मिली हैं। दूसरी ओर, फडणवीस ने कहा है कि 80 प्रतिशत मसले हल कर लिए गए हैं और बातचीत सकारात्मक चल रही है और जल्द ही तमाम मसले हल होंगे। खबर है कि भाजपा NCP अजित को 6-8 सीटें और शिवसेना शिंदे गुट को 10-12 सीटें देकर 28-30 सीटें खुद अपने पास रख सकती है।
क्यों अहम है महाराष्ट्र?
लोकसभा सीटों के लिहाज से महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां 48 सीटें हैं, इसलिए सभी पार्टियां यहां जोर लगा रही हैं। चुनावों से पहले MVA को कई झटके लगे हैं। शिवसेना में टूट के बाद NCP में भी 2 हिस्से हो चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 23, अविभाजित शिवसेना ने 18 और अविभाजित NCP ने 4 सीट जीती थी। कांग्रेस, AIMIM और निर्दलीय को एक-एक सीट मिली थी।