शरद पवार ने बागी सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को NCP से बाहर निकाला
महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी उठापटक जारी है। सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से बाहर कर दिया। इससे पहले NCP ने अजित पवार के शपथ समारोह में शामिल हुए 3 नेताओं को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। इस कार्रवाई को उन नेताओं के लिए एक उदाहरण के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने अजित की बगावत का समर्थन किया।
शरद पवार ने क्या कहा?
NCP प्रमुख पवार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'मैं NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी से निष्कासित करने का आदेश देता हूं।' इससे पहले पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने NCP प्रमुख को पत्र लिखकर पार्टी सांसद प्रफुल्ल और सुनील के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। ये दोनों अजित पवार की बगावत में शामिल हैं।
अजित पवार के खेमे ने भी की अदला-बदली
NCP के बागी गुट ने भी सुनील तटकरे को महाराष्ट्र के नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है। प्रफुल्ल पटेल ने अपने बयान में कहा, "हमने पहले जयंत पाटिल (शरद पवार खेमा) को महाराष्ट्र अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी। आज मैंने उन्हें आधिकारिक तौर पर सूचित किया है कि हम उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा रहे हैं। मैं सुनील तटकरे को NCP का नया महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करता हूं।"
NCP ने किन 3 अन्य नेताओं पर की कार्रवाई?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, NCP ने जिन 3 अन्य नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है, उनमें मुंबई मंडल के प्रमुख नरेंद्र राठौड़, अकोला शहर जिला प्रमुख विजय देशमुख और राज्य मंत्री शिवाजीराव गर्जे शामिल हैं। इन तीनों नेताओं पर अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का आरोप है। इससे पहले NCP ने अजित और 8 अन्य विधायकों बागी विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर और चुनाव आयोग को पत्र लिखा था।
शरद पवार ने बागी नेताओं पर साधा निशाना
NCP प्रमुख पवार ने आज सतारा में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस मौके पर अजित और बागी विधायकों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मेरी ताकत अभी बाकी है। जो छोड़कर गए, उन्हें उनकी सही जगह दिखाऊंगा। धोखा देने वालों को बाजू में करके फिर महाराष्ट्र में घूमूंगा और नए लोगों को लेकर टीम बनाऊंगा।" इसके अलावा उन्होंने मौजूद घटनाक्रम पर 5 जुलाई को NCP के लोक प्रतिनिधि और पदाधिकारियों की बड़ी बैठक बुलाने का ऐलान किया है।
क्या है अजित पवार की बगावत का पूरा मामला?
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने रविवार को अपने चाचा के खिलाफ बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया था और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए थे। उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। उनके साथ NCP के 12 विधायक और आए, जिनमें से 8 को मंत्री बनाया गया है। अजित ने NCP के 40 विधायकों का उन्हें समर्थन होने की बात कही है।