महाराष्ट्र: फ्लोर टेस्ट में एकनाथ शिंदे ने साबित किया बहुमत
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत साबित कर दिया। उनकी सरकार के समर्थन में 164 वोट और खिलाफ 99 वोट पड़े। लगभग दो दर्जन विधायकों ने वोट नहीं डाला।
कल स्पीकर के चुनाव के आंकड़ों से ही आज फ्लोर टेस्ट के नतीजे लगभग साफ हो गए थे। स्पीकर के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को 164 वोट मिले थे। आज फ्लोर टेस्ट में भी शिंदे सरकार को इतने ही वोट मिले।
फ्लोर टेस्ट से पहले
स्पीकर ने एकनाथ शिंदे को नियुक्त किया शिवसेना विधायक दल का नेता
फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना के गुट को एक बड़ा झटका लगा और नवनियुक्त स्पीकर राहुल नार्वेकर ने रविवार रात को एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नया नेता नियुक्त किया।
इसके अलावा स्पीकर ने ठाकरे खेमे के सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे गुट के भारत गोगावाले को शिवसेना का प्रमुख व्हिप बनाने के फैसले को भी अपनी मंजूरी दे दी।
शिंदे गुट की मांग पर उन्होंने ये फैसले सुनाए हैं।
कोर्ट में लड़ाई
प्रमुख व्हिप बदलने के स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ठाकरे गुट
ठाकरे गुट ने सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे गुट के भारत गोगावाले को शिवसेना का प्रमुख व्हिप घोषित करने के स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट अन्य याचिकाओं के साथ 11 जुलाई को इस याचिका पर भी सुनवाई करेगा।
इस बीच नए व्हिप गोगावाले ने 16 शिवसेना विधायकों की सदस्यता रद्द करने का नोटिस स्पीकर को दिया है। ये सभी ठाकरे गुट के विधायक हैं। इन सभी विधायकों को निलंबन का नोटिस बेजा जाएगा।
कानूनी लड़ाई
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर उद्धव ठाकरे का भविष्य
अगर सुप्रीम कोर्ट प्रमुख व्हिप बदलने के स्पीकर के फैसले को सही ठहराती है तो सरकार के साथ-साथ शिवसेना पर भी एकनाथ शिंदे का कब्जा हो जाएगा और उद्धव ठाकरे उनके पिता द्वारा बनाई गई पार्टी से ही बाहर हो जाएंगे।
हालांकि इससे दल-बदल कानून का भी उल्लंघन होगा, जिसके मुताबिक दो-तिहाई से अधिक विधायकों का समर्थन होने पर भी किसी पार्टी को कोई गुट अन्य पार्टी में विलय करके ही अपनी सदस्यता बचा सकता है।
बयान
शरद पवार ने कहा- छह महीने में गिर सकती है सरकार
राज्य में इस सियासी ड्रामे के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने राज्य में मध्यावधि चुनाव की आशंका जताई है।
रविवार शाम मुंबई में अपनी पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाले बागी गुट और भाजपा के गठबंधन की सरकार अगले छह महीने के अंदर गिर सकती है।
पवार ने कहा कि शिंदे गुट के कई विधायक मौजूदा व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं।
पृष्ठभूमि
महाराष्ट्र में क्यों पड़ी फ्लोर टेस्ट की जरूरत?
एकनाथ शिंदे की उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत के कारण महाराष्ट्र में नई सरकार बनी है और फ्लोर टेस्ट की जरूरत पड़ी है।
शिंदे ने पिछले महीने शिवसेना के 54 में से 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। इस बगावत से महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार अल्पमत में आ गई और 29 जून को ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।