
महाराष्ट्र: फ्लोर टेस्ट से पहले ठाकरे को बड़ा झटका, शिंदे बने शिवसेना विधायक दल के नेता
क्या है खबर?
महाराष्ट्र विधानसभा में आज होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ठाकरे खेमे को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल, स्पीकर ने रविवार रात को शिवसेना विधायक अजय चौधरी को विधानसभा में विधायक दल के नेता के पद से हटाकर एकनाथ शिंदे को नया नेता नियुक्त किया है। इसके अलावा ठाकरे खेमे के सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे गुट के भारत गोगावाले को शिवसेना का प्रमुख व्हिप बनाया गया है।
ठाकरे खेमे ने इसके खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है।
जानकारी
शिंदे खेमे की मांग के बाद लिया गया फैसला
महाराष्ट्र विधान भवन प्रशासन की तरफ से जारी पत्र में लिखा गया है कि शिंदे खेमे ने 22 जून को पत्र लिखा था, जिसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा एकनाथ शिंदे को विधानसभा में नेता के पद से हटाए जाने पर आपत्ति जताई गई थी।
शिवसेना के बागियों और मुख्यमंत्री शिंदे को संबोधित करते हुए इस पत्र में आगे लिखा है कि मामले का कानूनी पक्ष जानने के बाद स्पीकर ने अजय चौधरी की नियुक्ति खारिज कर दी है।
फैसले का असर
ठाकरे खेमे के लिए बढ़ीं मुश्किलें
इस घटनाक्रम को ठाकरे खेमे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
दरअसल, आज होने वाले फ्लोर टेस्ट में ठाकरे खेमे के 16 विधायकों के पास गोगावाले की तरफ से जारी व्हिप के बाद एकनाथ शिंदे के खिलाफ जाने का विकल्प नहीं बचेगा। अगर वो व्हिप का उल्लंघन करते हैं तो उन पर अयोग्य ठहराए जाने का खतरा मंडराने लगेगा।
ठाकरे खेमे ने इस फैसले को 'असंवैधानिक' करार देते हुए कोर्ट जाने की बात कही है।
बयान
निरंकुशता की तरफ बढ़ रही भाजपा- शिवसेना सांसद
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के पास विधानसभा में पार्टी का नेता चुनने का अधिकार होता है। ऐसे में आप कैसे कह सकते हो कि शिंदे पार्टी के नेता हुए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह फैसला रविवार रात को लिया गया, जिससे पता चलता है कि इसके पीछे क्या कारण है। इसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
उन्होंने इस संविधान के खिलाफ बताते हुए कहा कि भाजपा निरंकुशता की तरफ बढ़ रही है।
जानकारी
रविवार को चुने गए थे नए स्पीकर
फ्लोर टेस्ट से पहले रविवार को ही भाजपा विधायक राहुल नर्वेकर विधानसभा के स्पीकर चुने गए थे। उन्होंने ठाकरे खेमे के राजन सालवी को मात दी। नर्वेकर के समर्थन में 164 वोट पड़े, वहीं उनके खिलाफ 107 विधायकों ने वोट किया।
मायने
स्पीकर चुनाव के फ्लोर टेस्ट के लिए क्या मायने?
स्पीकर पद के चुनाव के बाद कहा जा सकता है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को 164 विधायक समर्थन कर रहे हैं, जो बहुमत के आंकड़े 145 से 19 ज्यादा है।
शिवसेना के ठाकरे गुट ने बागी खेमे के 16 विधायकों के खिलाफ सदस्यता रद्द करने का नोटिस जारी किया हुआ है, ऐसे में इन सभी विधायकों की सदस्यता रद्द हो भी जाती है तो शिंदे सरकार के पास पर्याप्त बहुमत बरकरार रहेगा।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
क्यों पड़ी फ्लोर टेस्ट की जरूरत?
एकनाथ शिंदे की उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत के कारण महाराष्ट्र में नई सरकार बनी है और फ्लोर टेस्ट की जरूरत पड़ी है।
शिंदे ने पिछले महीने शिवसेना के 54 में से 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। इस बगावत से महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार अल्पमत में आ गई और 29 जून को ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।