महाराष्ट्र: महा विकास अघाड़ी गठबंधन में अब CAA और NPR को लेकर मतभेद
क्या है खबर?
महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज महा विकास अघाड़ी गठबंधन के बीच एक और मतभेद सामने आया है।
इस बार ये मतभेद नागरिकता कानून (CAA) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि किसी को भी CAA से डरने की जरूरत नहीं है और वो NPR को नहीं रोंकेगे।
उनका ये बयान गठबंधन के अन्य सहयोगियों, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), के रुख के विपरीत है जो CAA और NPR के खिलाफ हैं।
बयान
क्या बोले उद्धव ठाकरे?
मंगलवार को सिंधूदुर्ग में मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने CAA, NPR और NRC पर अपनी स्थिति साफ की।
उन्होंने कहा, "CAA और NRC दो अलग विषय हैं और NPR तीसरा विषय है। CAA के लागू होने से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। NRC नहीं आया है और ये नहीं आएगा क्योंकि यदि NRC लागू किया जाता है तो इससे न केवल मुसलमानों बल्कि हिंदुओं, आदिवासियों और अन्य अल्पसंख्यकों को भी परेशानी होगी।"
बयान
NPR पर ये बोले ठाकरे
वहीं NPR पर ठाकरे ने कहा, "NPR मात्र एक जनगणना है। फिर भी मैं NPR के फॉर्म के सभी सवालों को खुद देखूंगा। मुझे नहीं लगता कि इससे कोई समस्या होगी क्योंकि हर 10 साल में जनगणना होती है।"
प्रतिक्रिया
शरद पवार बोले- शिवसेना को साथ लाने की कोशिश करेंगे
उद्धव ठाकरे के इस बयान के बाद जब NCP प्रमुख शरद पवार से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ इस पर बातचीत करेंगे और उन्हें अपने साथ लाने की कोशिश करेंगे।
मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, "ये उद्धव ठाकरे का अपना नजरिया हो सकता है। लेकिन जहां तक NCP का सवाल है हमने CAA के खिलाफ वोट दिया था।"
रवैया
CAA पर अब तक क्या था शिवसेना का रवैया?
CAA पर शिवसेना का रवैया कभी इधर तो कभी उधर वाला रहा है।
पार्टी ने लोकसभा में CAA के समर्थन में वोट दिया था, लेकिन राज्यसभा में इसे वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित बताकर वॉकआउट कर दिया।
माना जाता है कि अपने नए-नवेले साथियों, कांग्रेस-NCP, के दबाव के कारण शिवसेना ने राज्यसभा में ये रुख अपनाया था।
लेकिन पार्टी अब फिर से अपने रुख पर लौट आई है और CAA में कुछ गलत न होने की बात कह रही है।
अन्य मतभेद
पहले भी सामने आ चुके हैं महा विकास अघाड़ी में मतभेद
बता दें कि इससे पहले भी महा विकास अघाड़ी गठबंधन की इन तीनों पार्टियों के बीच कई मतभेद सामने आ चुके हैं।
भीमा कोरेगांव केस की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को देने के केंद्र सरकार के फैसले पर रजामंदी जताने के लिए शरद पवार उद्धव ठाकरे पर निशाना साध चुके हैं।
वीडी सावरकर पर शिवसेना और कांग्रेस आमने-सामने आ गए थे।
वहीं 100 यूनिट के कम बिजली मुफ्त करने पर कांग्रेस और NCP के मंत्री आमने-सामने आ चुके हैं।