महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट से कांग्रेस भी चिंतित, सता रहा विधायकों के बागी होने का डर
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद राज्य में रानीतिक संकट खड़ा हो गया है। शिंदे ने असम के गुवाहाटी से एक फोटो शयर कर 49 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। इससे राज्य की महा विकास अघाडी (MVA) सरकार खतरे में आ गई है। इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस भी खासी चिंतित नजर आ रही है। उसके कई दिग्गज नेताओं को अपने विधायकों के भी बगावत करने का डर सता रहा है।
कांग्रेस नेताओं को क्या सता रहा है डर?
महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच कांग्रेस के कई नेताओं को कई विधायकों के बगावत करने का डर सता रहा है। उनका मानना है कि वर्तमान में कांग्रेस विधायक खुले में घूम रहे हैं और उनसे कोई भी मुलाकात कर सकता है। ऐसे में बगावत को रोकने के लिए उन्हें एकजुट कर किसी होटल में ले जाना चाहिए। उनका कहना है कि राज्य में हाल में हुए विधान परिषद (MLC) चुनाव में कई कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से भी हई थी चिंतित नेताओं बहस
बता दें गत दिनों कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की विधायकों को एकजुट करने का प्रयास नहीं करने को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एच के पाटिल से भी बहस हुई थी। नेताओं ने कहा था कि वर्तमान हालातों में विधायकों पर नजर रखी जानी चाहिए।
कांग्रेस के सात विधायकों पर है क्रॉस वोटिंग का आरोप
राज्य कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि MLC चुनाव में दो से सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। इसके कारण ही पार्टी के पसंदीदा उम्मीदवार और राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रकांत हांडोरे को हार झेलनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी पार्टी नेतृत्व ने इस पर ध्यान नहीं दिया और क्रॉस वोटिंग करने वालों की पहचान तक नहीं की। यह किसी की गलतियों पर पर्दा डालने जैसा है।
MLC चुनाव में क्या रही थी स्थिति?
वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस ने हांडोरे को 29 और जगताप को 15 वोट आवंटित किए थे, लेकिन चुनाव में हांडोरे को 22 और जगताप को 20 वोट मिले। इससे स्पष्ट है पांच विधायकों ने जाति के आधार पर जगताप को वोट दिया, लेकिन दो विधायकों ने भाजपा को वोट दिया। हालांकि, कुछ नेताओं ने जगताप को अन्य पार्टी और निर्दलीयों के वोट मिलने की बात कही है। ऐसे में सात विधायकों के दूसरी पार्टी को वोट दिया है।
मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा शीर्ष नेतृत्व
वरिष्ठ नेता ने कहा कि सात विधायकों के दूसरी पार्टी को वोट देना चिंता की बात है, लेकिन शीर्ष नेतृत्व कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे साफ है कि कांग्रेस के कई विधायक कमजोर है और वह कभी भी पाला बदल सकते हैं। इधर, हार के बाद हांडोरे ने कहा था कि उनकी गणित के हिसाब से दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी और पांच विधायकों ने उनकी जगह जगताप को वोट दिया था। यह गंभीर मामला है।
कांग्रेस नेताओं ने की दोषियों की पहचान की मांग
वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि पार्टी को सभी सात विधायकों की पहचान करनी चाहिए और पता लगाना चाहिए कि किसने जगताप को वोट दिया और किसने भाजपा उम्मीदवार का साथ दिया। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि किस-किसने व्हिप का उल्लंघन किया था।
कमलनाथ ने दिया पार्टी विधायकों के एकजुट होने का बयान
महाराष्ट्र में बिगड़े हालातों को संभालने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को बुधवार को मुंबई भेजा था। उन्होंने वहां पर 41 विधायकों से मुलाकात की और तीन से फोन पर बात की। इसी तरह उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को बताया कि पार्टी के सभी 44 विधायक एकजुट है और किसी तरह का खतरा नहीं है।
महाराष्ट्र में हाथ से निकल चुकी है स्थिति
महाराष्ट्र के सियासी संकट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि राज्य में स्थिति हाथ से निकल चुकी है। लगता है मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लड़ने की इच्छाशक्ति खो दी है। शायद उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्या है। वैसे भी हम बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा ही हाल NCP का भी है। अब शिवसेना पर है कि वह सरकार को बचाने के लिए जो भी कर सकती है, उसे करना चाहिए।
वर्तमान में क्या है महाराष्ट्र के हालात
महाराष्ट्र में भी उद्धव ठाकरे की सरकार गिरना लगभग तय है। असम की राजधानी गुवाहाटी में बैठे शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे ने 49 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। शिंदे की तरफ से जारी तस्वीर में उनके साथ शिवसेना के 42 और सात निर्दलीय विधायक नजर आ रहे हैं, जबकि ठाकरे सरकार गिराने के लिए उन्हें केवल 37 विधायकों का साथ चाहिए। इसी बीच भाजपा ने शिंदे को सरकार गठन के लिए ऑफर भेजा है।