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महाराष्ट्र: क्या गठबंधन सरकार में हुई दरार की शुरुआत? इन मुद्दों पर नहीं बनी आम सहमति

महाराष्ट्र: क्या गठबंधन सरकार में हुई दरार की शुरुआत? इन मुद्दों पर नहीं बनी आम सहमति

Feb 15, 2020
03:07 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र में सरकार चला रहे महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में विचारधारा को लेकर फिर तनाव उभर आया है। शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फैसला किया है कि राज्य में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की प्रक्रिया शुरू होगी। इस फैसले को गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि दोनों पार्टियां इसके खिलाफ हैं। आइये, इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।

तनाव

कांग्रेस और NCP को परेशान करने वाला है फैसला

न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक, ठाकरे चाहते हैं कि 1 मई से महाराष्ट्र में NPR की प्रक्रिया शुरू हो जाए। ये खबरें कांग्रेस और NCP के लिए परेशान करने वाली हो सकती हैं क्योंकि दोनों पार्टियां शुरुआत से इसका विरोध करती आई हैं। कांग्रेस का कहना है कि NPR की प्रक्रिया नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) का शुरुआती चरण है और यह राष्ट्रव्यापी NRC में तब्दील होगी। वहीं NCP भी इसे लेकर अपना विरोध जाहिर कर चुकी है।

जानकारी

NCP का इस फैसले पर क्या कहना है?

मीडिया से बात करते हुए NCP नेता माजिद मेमन ने कहा, "यह साफ है कि मेरी पार्टी NPR का समर्थन नहीं कर रही। शरद पवार ने इसे साफ कर दिया है। इस पर अंतिम निर्णय तीनों पार्टियों को स्वीकार होगा।"

जानकारी

क्या है NPR?

NPR देश में रह रहे स्थानीय निवासियों की एक सूची है। यहां सामान्य नागरिकों से मतलब ऐसे लोगों से हैं जो किसी इलाके में कम से कम छह महीने से रह रहे हैं या जो किसी इलाके में अगले छह महीने तक रहने वाले हैं। इसके तहत लोगों से उनके परिजनों के जन्म स्थान और तारीख, पिछला पता, PAN नंबर, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, आधार नंबर (स्वैच्छिक) और मोबाइल नंबर समेत अलावा 21 बिंदुओं की जानकारी मांगी जाएगी।

तकरार

पहले भी मुद्दों पर रही है तकरार

यह पहली बार नहीं है जब गठबंधन के सहयोगी किसी मुद्दे पर आम सहमति नहीं बना पाए हैं। शुक्रवार को NCP प्रमुख शरद पवार ने एल्गार परिषद मामले की जांच राज्य पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने के लिए ठाकरे की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने मामले की जांच पुणे पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपकर ठीक नहीं किया क्योंकि कानून-व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है।

जानकारी

हैरानी की बात राज्य सरकार ने समर्थन नहीं किया- शरद पवार

पवार ने आगे कहा, "मामले की जांच NIA को सौंपकर केन्द्र सरकार ने ठीक नहीं किया और इससे भी ज्यादा गलत बात यह हुई कि राज्य सरकार ने इसका समर्थन किया। हैरानी वाली बात है कि राज्य सरकार ने इसका विरोध नहीं किया।"

मामला

क्या है एल्गार परिषद का मामला?

31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद की एक बैठक हुई थी। आरोप था कि इस बैठक में भड़काऊ भाषण दिए गए थे, जिसके बाद भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की और दंगों जैसी स्थिति बन गई थी। NIA द्वारा जांच करने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने अदालत में अपील दायर की थी। इसके जवाब में पुणे की सत्र अदालत ने मामला मुंबई की विशेष NIA कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया। अब आरोपियों को NIA अदालत में पेश होना होगा।

नतीजे

क्या रहे थे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे

पिछले साल अक्टूबर में आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली थीं। NCP ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री पद न मिलने पर शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। हालांकि, गठबंधन सरकार बनने से पहले देवेंद्र फड़णवीस ने अजित पवार के समर्थन से पहले कुछ घंटों तक सरकार बनाई थी।