NPR: राजस्थान-मध्य प्रदेश का इनकार, महाराष्ट्र में हरी झंडी; ठाकरे बोले- मैं खुद फॉर्म देखूंगा
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मतभेद जारी हैं। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां NPR को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) का शुरुआती चरण बताते हुए इसका विरोध कर रही है। इसी बीच महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के समर्थन से सरकार चला रहे शिवेसना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य में NPR लागू करेगी। साथ ही उन्होंने नागरिकता कानून और NRC को अलग-अलग मुद्दा बताया है।
नागरिकता कानून, NRC और NPR अलग-अलग मुद्दे- ठाकरे
सिंधुदुर्ग जिले में मीडिया को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा, "नागरिकता कानून और NRC अलग-अलग मुद्दे हैं और NPR तीसरा मुद्दा है। नागरिकता कानून से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। NRC आया नहीं है और न ही आयेगा। अगर NRC लागू होता है तो यह न सिर्फ मुस्लिमों के लिए बल्कि हिंदू, दलित, आदिवासी और दूसरों के लिए परेशानी खड़ी करेगा। केंद्र सरकार ने NRC के मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है।"
मैं खुद देखूंगा NPR का फॉर्म- ठाकरे
ठाकरे ने आगे कहा, "NPR जनगणना के लिए है। मैं खुद फॉर्म में दिए कॉलम देखूंगा। मुझे नहीं लगता कि इससे किसी को परेशानी होगी। हर 10 साल में जनगणना की जाती है।" हालांकि, कांग्रेस और NCP दोनों ही NPR का विरोध कर रही है।
कांग्रेस और NCP के लिए झटका?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ठाकरे चाहते हैं कि 1 मई से महाराष्ट्र में NPR की प्रक्रिया शुरू हो जाए। उनका यह फैसला कांग्रेस और NCP के लिए परेशान करने वाली हो सकता हैं क्योंकि दोनों पार्टियां शुरुआत से इसका विरोध करती आई हैं। कांग्रेस का कहना है कि NPR की प्रक्रिया नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) का शुरुआती चरण है और यह राष्ट्रव्यापी NRC में तब्दील होगी। वहीं NCP भी इसे लेकर अपना विरोध जाहिर कर चुकी है।
क्या है नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर?
NPR के तहत देश में रह रहे स्थानीय निवासियों एक सूची तैयार की जाएगी। यहां सामान्य नागरिकों से मतलब ऐसे लोगों से हैं जो किसी इलाके में कम से कम छह महीने से रह रहे हैं या जो किसी इलाके में अगले छह महीने तक रहने वाले हैं। इसके तहत लोगों से उनके परिजनों के जन्म स्थान और तारीख, पिछला पता, PAN नंबर, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर और मोबाइल नंबर समेत 31 बिंदुओं की जानकारी मांगी जाएगी।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में लागू नहीं करेगा NPR
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने जहां NPR लागू करने के लिए हरी झंडी देने की तैयारी कर ली है, वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार ने साफ कर दिया है कि वो अपने यहां NPR लागू नहीं करेगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसकी जानकारी दी। वहीं बीते शुक्रवार को जयपुर में जारी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था, "मैं राज्य में नागरिकता कानून, NPR और NRC लागू नहीं होने दूंगा।"
सवालों के जवाब न देने पर लगेगा जुर्माना
केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक चलने वाले NPR को जनगणना 2021 के साथ ही किया जाएगा। सरकारी कर्मचारी इस अवधि में घर-घर जाएंगे और करीब 31 सवाल पूछेंगे। इन कर्मचारियों के साथ सहयोग करना अनिवार्य है और अगर कोई जानकारी देने से इनकार करता है या गलत जवाब देता है तो उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।