महाराष्ट्र: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने दिया मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
सुप्रीम कोर्ट के महाराष्ट्र में राज्यपाल के बहुमत साबित करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने के कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव के जरिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनाने के साथ बगावत किए जाने पर भी दुख जताते हुए कहा कि अब फ्लोर टेस्ट का कोई मतलब नहीं है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार का पतन हो गया है।
विधान परिषद से भी इस्तीफे का ऐलान
ठाकरे ने कहा, "मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ रहा हूं और मुझे इस बात का कोई दुख नहीं है। इसके साथ ही मैं विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं। मुझे इस सब में आना ही नहीं था, इसलिए मैंने मुख्यमंत्री आवास को पहले ही छोड़ दिया था।" उन्होंने आगे कहा, "कल मैं शिवसेना ऑफिस जाऊंगा। मैं नहीं चाहता कि कल शिवसैनिकों का खून बहे और वो सड़कों पर पर उतरें। इसलिए मैं अपनी कुर्सी छोड़ रहा हूं।"
जिनकों सबकुछ दिया, वो हुए नाराज- ठाकरे
ठाकरे ने कहा, "हमने किसानों को कर्ज मुक्त करने का वायदा किया था और उन्हें कर्ज मुक्त किया। हमने लोगों के फायदे के लिए काम किया। सबका आशीर्वाद हमारे साथ है। मुझे आश्चर्य है कि जिसको हमने सबकुछ दिया वो मेरे खिलाफ हैं और जिसे कुछ नहीं दिया वो आज मेरे साथ खड़े हैं। अच्छे कामों पर लोगों की नजरे हैं।" उन्होंने कहा, "हमने कई अच्छे काम काम किए हैं, लेकिन हमारे अच्छे काम को नजर लग गई।"
"मुझे नहीं थी दगे की उम्मीद"
ठाकरे ने बागियों से कहा, "यदि आप मुझसे बात करने का प्रयास करते तो मैं जरूर बात करता। मैं आज भी आपसे बात करने के लिए तैयार हूं। मैंने आपको अपना माना था, लेकिन आपसे दगे की उम्मीद नहीं की थी।" उन्होंने कहा, "मुझे पता चला है कि मुंबई में केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए अलग से फोर्स भेजी है। मुझे शर्म आ रही है। क्या आप शिवसैनिकों के खून से मुंबई की सड़कें लाल करने वाले हैं?"
आपको बड़ा करना ही मेरा पाप- ठाकरे
ठाकरे ने कहा, "कांग्रेस ने मंत्रिमंडल से निकलने की बात की है। आज शिवसैनिकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। कल के फ्लोर टेस्ट से मुझे मतलब नहीं। आपके पास कितनी संख्या है मुझे मतलब नहीं है। आप शायद कल विरोधियों का बहुमत सिद्ध कर देंगे।" उन्होंने कहा, "आपको याद रखना चाहिए कि आपने उस बालासाहेब के बेटे को कुर्सी से उतारने का पुण्य किया है। आपको बड़ा किया यह मेरा पाप है और मैं उसकी सजा भोग रहा हूं।"
सोनिया गांधी और शरद पवार का जताया आभार
इस दौरान ठाकरे ने ढाई साल के कार्यकाल में सहयोग करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी फ्लोर टेस्ट की इजाजत दे दी है। राज्यपाल का भी धन्यवाद। उन्होंने एक खत पर ऐक्शन लिया और फ्लोर टेस्ट के लिए कहा। अपने फेसबुक लाइव को पूरा करने के बाद ठाकरे इस्तीफा देने के लिए राजभवन के लिए रवाना हो गए।
नवाब मलिक और अनिल देशमुख को वोट डालने की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद NCP नेता नवाब मलिक और अनिल देशमुख को कल विधानसभा में होने वाली फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दे दी है। हालांकि, ठाकरे के इस्तीफा देने के बाद वोटिंग की संभावना खत्म हो गई है।
महाराष्ट्र में तेज हुई राजनीतिक हलचल
मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक होटल में कोर कमेटी की बैठक कर रहे हैं। इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र के निर्दलीय विधायक रवि राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री को पहले ही इस्तीफा देना चाहिए था। उनकी बंद मुट्ठी में जो ताकत थी वह भी निकल गयी है। जो हनुमान चालीसा का अपमान करता है, उनको हनुमान भक्तों ने सबक सिखाया है।फडणवीस को मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने किया फ्लोर टेस्ट पर रोक से इनकार
इससे पहले फ्लोर टेस्ट के खिलाफ शिवसेना की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह राज्यपाल के आदेश पर रोक नहीं लगा सकता है। कल तय कार्यक्रम के अनुसार फ्लोर टेस्ट होगा। हालांकि, फ्लोर टेस्ट को लेकर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट का नतीजा 11 जुलाई की सुनवाई के अधीन होगा और इस याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा।