महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र: फडणवीस और शिंदे-पवार ने ली विधायक की शपथ, विपक्ष का बहिष्कार
महाराष्ट्र में नई विधानसभा का गठन हो गया है और आज (7 दिसंबर) से 3 दिन का विशेष सत्र भी शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने सत्र के पहले दिन सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली।विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर बाकी नवनिर्वाचित विधायकों को भी शपथ दिलाएंगे। हालांकि, महा विकास अघाड़ी (MVA) विधायकों ने शपथ ग्रहण करने से इनकार कर दिया है।
9 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव
कल कोलंबकर को विशेष सत्र के लिए प्रोटेम स्पीकर चुना गया था। अब 9 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष चुना जाएगा। इसके लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार दावेदार माने जा रहे हैं। 9 दिसंबर को ही राज्यपाल का अभिभाषण होगा। नई विधानसभा का शीतकालीन सत्र नागपुर में 16 से 21 दिसंबर तक चलेगा। फडणवीस ने कहा था कि इससे पहले तक मंत्रालयों का बंटवारा हो जाएगा।
आदित्य ने कहा- हमें EVM पर संदेह
शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, "अगर यह लोगों का जनादेश होता तो लोग खुश होते और जश्न मनाते, लेकिन लोगों ने कहीं भी इस जीत का जश्न नहीं मनाया। हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर संदेह है।" आदित्य अपनी पार्टी के सभी विधायकों के साथ विधानसभा पहुंचे। यहां सभी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फूल चढाए। आदित्य ने यहां भी शपथ न लेने की बात फिर दोहराई।
अजित बोले- विपक्ष चुनाव आयोग जाए
विपक्ष के वॉकआउट पर अजित ने कहा, "आज विपक्ष ने वॉकआउट किया है। उनका कहना है कि EVM को लेकर किया है। मैंने ऐसा पहली दफा देखा है। चुनाव हुआ है, वॉकआउट करने से कुछ नहीं होने वाला है। अगर उन्हें EVM पर संदेह है तो उन्हें चुनाव आयोग जाना चाहिए। अगर कुछ लग रहा है तो चुनाव आयोग जाए वहां भी न्याय ना लगे तो कोर्ट जाइए। वहां विपक्ष के कोई वरिष्ठ नेता नहीं थे।"
विधानसभा में नहीं होगा नेता विपक्ष
महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों में महायुति में शामिल भाजपा को 132, शिवसेना (शिंदे) को 57 और NCP को 41 सीट मिली है। वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) में शिवसेना (UBT) को 20, कांग्रेस को 16 और शरद पवार की NCP को 10 सीटें मिली हैं। नियमों के मुताबिक, नेता विपक्ष के लिए पार्टी के पास 10 प्रतिशत सीटें होना जरूरी है। कोई भी विपक्षी पार्टी इस शर्त को पूरा नहीं कर रही, इसलिए विधानसभा में नेता विपक्ष नहीं होगा।