महाराष्ट्र: महायुति में किन 6 मंत्रालयों पर फंसा पेंच और ये कितने अहम हैं?
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महायुति सरकार का गठन हो गया है। शपथ ग्रहण से पहले तक एकनाथ शिंदे मंत्रालय की मांगों को लेकर नाराज बताए जा रहे थे। कहा जा रहा है कि उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया गया है। इसके अलावा कम से कम 6 मंत्रालयों पर गठबंधन की पार्टियों में मतभेद हैं। इसी वजह से मंत्रालयों का बंटवारा नहीं हुआ है। आइए जानते हैं किन 6 मंत्रालयों पर विवाद है और क्यों।
गृह मंत्रालय पर सबसे ज्यादा विवाद
सबसे ज्यादा विवाद गृह मंत्रालय को लेकर है। 2022 में जब शिंदे मुख्यमंत्री बने तो ये मंत्रालय भाजपा के पास चला गया। अब मुख्यमंत्री भाजपा का है तो शिंदे इसे अपने पास रखना चाह रहे हैं। किसी भी राज्य में गृह विभाग सबसे अहम माना जाता है, क्योंकि इसी के अंतर्गत पुलिस और खुफिया एजेंसियां आती हैं। इससे हर जरूरी घटना की अहम जानकारी मिलती है। महाराष्ट्र में पुलिस का सालाना बजट ही करीब 28,000 करोड़ रुपये का है।
वित्त मंत्रालय पर भी मतभेद
वित्त विभाग पहले अजित पवार के पास था, लेकिन इस बार भाजपा-शिवेसना दोनों इस पर दावा कर रही हैं। सरकार में वित्त विभाग काफी अहम माना जाता है, क्योंकि सारी योजनाओं और विधानसभाओं के लिए राशि यहीं से जारी होती है। गठबंधन सरकार में हमेशा से राशि जारी करने को लेकर विवाद रहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र देश की सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था है। इस वजह से भी ये विभाग और अहम हो जाता है।
शहरी विकास मंत्रालय पर सबकी नजरें
यह विभाग शहरी क्षेत्रों खासतौर से नगर निगमों में विकास और अन्य परियोजनाओं के लिए जिम्मेदार है। महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) जैसी देश की सबसे अमीर नगर निगम भी है। 2023 में केवल इस विभाग का बजट ही 31,000 करोड़ रुपये थे। BMC चुनावों को देखते हुए सभी पार्टियों इस पर दावेदारी कर रही हैं। पिछली महायुति सरकार में शिंदे शहरी विकास मंत्री थे। माना जा रहा है कि उन्हें फिर ये विभाग मिल सकता है।
किसे मिलेगा राजस्व मंत्रालय?
राजस्व विभाग जमीन की खरीद-बिक्री, स्टांप शुल्क संग्रह, टैक्स संग्रह, रेत और दूसरे खनिज की खनन नीति और अन्य बंदोबस्ती से जुड़े कामों को देखती है। विभाग के पास राजस्व सृजन के नए रास्ते विकसित करने का काम भी होता है। शहरी और अर्द्धशहरी इलाके होने की वजह से राजस्व विभाग को अहम माना जाता है। पिछली सरकार में ये विभाग भाजपा के पास था, लेकिन इस बार इस विभाग को लेकर भी खींचतान है।
आवास मंत्रालय के लिए कौन दावेदार?
पिछली सरकार में ये मंत्रालय भाजपा के पास था, लेकिन इस बार शिवसेना और NCP भी दावेदारी कर रही है। शहरी विकास की तरह इसे भी काफी मलाईदार विभाग माना जाता है। फिलहाल ये विभाग धारावी पुनर्विकास परियोजना जैसी अहम परियोजनाओं की देखरेख कर रहा है। इसके अलावा गोरेगांव में मोतीलाल नगर, मुंबई में अभ्युदय नगर और कमाठीपुरा पुनर्विकास परियोजना जैसी दूसरी परियोजनाएं भी इसी विभाग को मिलेगी, जिनमें अरबों रुपये का निवेश होना है।
सिंचाई और सामान्य प्रशासन मंत्रालय पर भी मतभेद
महाराष्ट्र में किसानों की संख्या और कई मुद्दों पर नाराजगी को देखते हुए जनाधार बढ़ाने में ये अहम विभाग है। 2024-25 के बजट में इस विभाग की राशि 13 प्रतिशत बढ़ाई गई है। इसके अलावा विभाग कई अहम सिंचाई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। ट्रांसफर-पोस्टिंग और नियुक्ति से जुड़े कामकाज सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत आते हैं। सभी IAS और अन्य अधिकारी भी इसी के अधीन काम करते हैं। यही वजह है कि इसे काफी अहम माना जाता है।