महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: मराठा आरक्षण कितना बड़ा मुद्दा है और मराठाओं का कितनी सीटों पर असर?
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक साथ सभी विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इससे पहले सभी पार्टियां और गठबंधन मराठा समुदाय को साधने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जारांगे पाटिल ने NDA का खेल बिगाड़ दिया था। अब विधानसभा चुनाव से पहले भी ये मुद्दा चर्चा में हैं। आइए जानते हैं महाराष्ट्र में मराठा समुदाय कैसे सत्ता की दिशा और दशा तय करता है।
कितनी है मराठा आबादी?
एक सरकारी पैनल के अनुसार, महाराष्ट्र की आबादी में मराठाओं की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत है। मराठा समुदाय के वर्चस्व वाले मराठवाड़ा में 46 और पश्चिमी महाराष्ट्र में 70 विधानसभा सीटें हैं। मराठा बाहुल्य इन दोनों इलाकों को मिला दिया जाए तो आंकड़ा 116 तक पहुंच जाता है। ऐसे में यहीं से सत्ता का रास्ता निकलता है। इन दोनों इलाकों से कांग्रेस के 8 मराठा नेता राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं।
लोकसभा चुनाव में किसकी ओर थे मराठा?
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में मराठा विपक्ष के महाविकास अघाड़ी (MVA) या यू कहें कि INDIA गठबंधन के लिए एकजुट हो गए थे। इससे भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को खासा नुकसान हुआ था। मराठवाड़ा इलाके में मराठा वोटों का ध्रूवीकरण देखने को मिला था। इसी के चलते महायुति को 8 में से एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। बता दें कि मराठवाड़ा के 8 सांसदों में से सिर्फ एक गैर-मराठा है।
मराठा आरक्षण को लेकर पिछले साल हुआ था आंदोलन
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर पिछले साल मनोज जारांगे पाटिल के नेतृ्त्व में लंबा और हिंसक आंदोलन हुआ था। मराठाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल किए जाने की मांग को लेकर मनोज भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। इस दौरान राज्य में काफी हिंसा भी हुई थी और कम से कम 13 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद फरवरी, 2024 में सरकार ने विधानसभा में मराठा आरक्षण विधेयक पारित किया था।
विधानसभा चुनावों में कितना अहम है आरक्षण का मुद्दा?
लोकसभा चुनावों के दौरान ये मुद्दा जितना उठा था, विधानसभा चुनावों के दौरान उतना ही शांत है। सत्ता से लेकर विपक्ष तक इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहा है। यहां तक कि खुद मनोज जारांगे भी शांत है। पहले मनोज ने चुनाव में उम्मीदवार उतारे, लेकिन नाम वापसी से ठीक एक दिन पहले अपने पैर वापस खींच लिए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण का केंद्र रहे जालना में 2 रैली की, लेकिन इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा।
महाराष्ट्र में एक चरण में मतदान
महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा। राज्य में 9.63 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 4.97 करोड़ पुरुष और 4.66 करोड़ महिलाएं हैं। मतदान के लिए कुल 1,00,186 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। महाराष्ट्र में फिलहाल महायुति गठबंधन की सरकार है और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं। महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे 23 नवंबर को झारखंड और दूसरे राज्यों के उपचुनावों के साथ ही जारी किए जाएंगे।