उद्धव ठाकरे के खिलाफ जीत के बाद एकनाथ शिंदे का नया कदम, दायर की कैविएट पिटीशन
क्या है खबर?
चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र में शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को दिए जाने के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी दी है।
इसको देखते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने ऐहतियाती कदम उठा लिया है। उन्होंने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट पिटीशन दाखिल कर अपना पक्ष सुनने की मांग की है।
बता दें कि मामले में ठाकरे ने हार न मानते हुए लड़ाई जारी रखने की बात कही है।
पिटीशन
मुख्यमंत्री शिंदे ने पिटिशन में क्या कहा?
मुख्यमंत्री शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में दायर कैविएट पिटीशन में कहा है कि ठाकरे शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दे सकते हैं। कोर्ट से कोई भी आदेश को पारित करने से पहले महाराष्ट्र सरकार का पक्ष भी सुने।
बता दें कि कैविएट के जरिए कोई पक्ष उसके खिलाफ दायर होने वाले किसी भी मामले में एकतरफा फैसला सुनाए जाने से बचने और अपना पक्ष सुने जाने की अपील करता है।
फैसला
आयोग ने शिंदे गुट के पक्ष में सुनाया फैसला
चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के हक में फैसला सुनाते हुए कहा था कि इस गुट को पार्टी का समर्थन प्राप्त था, इसलिए पार्टी का नाम 'शिवसेना' और चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' उसे दिया जाता है।
78 पेज के आदेश में आयोग ने कहा कि शिंदे गुट का समर्थन करने वाले विधायकों की पार्टी के कुल वोटों में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ऐसे में नियमानुसार यही गुट पार्टी के वास्वतविक नाम और चुनाव चिन्ह का हकदार बनता है।
जानकारी
मुख्यमंत्री शिंदे ने किया आयोग के फैसले का स्वागत
चुनाव आयोग के फैसले पर शिंदे गुट ने खुशी जताते हुए जमकर आतिशबाजी की थी। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा था, "मैं आयोग का शुक्रिया अदा करता हूं। लोकतंत्र में बहुमत मायने रखता है। ये बालासाहेब की विरासत की जीत है। हमारी असली शिवसेना है।"
हमला
ठाकरे ने चुनाव आयोग को बताया केंद्र का गुलाम
मामले में शनिवार को ठाकरे ने आयोग पर हमला बोलते हुए कहा, "आयोग ने केंद्र सरकार के गुलाम की तरह फैसला सुनाया है और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।"
उन्होंने आगे कहा, "हम फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। हमने कोर्ट में तर्क दिया था कि आयोग को पार्टी के चिन्ह पर अपना फैसला तब तक नहीं देना चाहिए, जब तक कि विधायकों की अयोग्यता वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं हो जाता।"
दावा
असली धनुष और तीर हमेशा मेरे पास रहेगा- ठाकरे
ठाकरे ने कहा, "शिंदे को दिया गया धनुष और तीर केवल कागजों पर है। असली धनुष और तीर हमेशा मेरे पास रहेगा। इसे बालासाहेब ठाकरे ने बनाया था और मैं इसकी पूजा करता हूं। विरोधी जल्द ही इसकी ताकत देखेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "उनकी शिवसेना हारेगी नहीं। जनता हमारे साथ है। वे हर अन्याय और लोकतंत्र के अपमान का बदला लेंगे। मशाल जल चुकी है। हम मैदान में घुस चुके हैं और जीत हासिल होने तक पीछे नहीं हटेंगे।"
प्रकरण
क्या है पूरा मामला?
शिवसेना नेता शिंदे ने जून, 2022 में 40 विधायकों के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी और इससे शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी।
उसके बाद शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली और अभी वह मुख्यमंत्री हैं। उसके बाद दोनों गुटों में पार्टी पर कब्जे को लेकर लड़ाई हुई थी और मामला चुनाव आयोग पहुंचा था।