मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद उद्धव ठाकरे का पहला इंटरव्यू, कही ये अहम बातें
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें धोखा दिया गया है। उनकी सरकार गिराने की साजिश ऐसे वक्त रची गई, जब वो अस्पताल में भर्ती थे और हिल भी नहीं सकते थे। शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "जब मेरा शरीर मूव नहीं कर पा रहा था, तब उनकी मूवमेंट चरम पर थी।" आइये पूरी खबर जानते हैं।
ठाकरे को इस बात की पीड़ा
इंटरव्यू में ठाकरे ने कहा कि उन्हें सरकार और मुख्यमंत्री पद जाने का अफसोस नहीं है, लेकिन उनके लोग दगाबाज निकले। उनके ऑपरेशन के बाद सरकार गिराने का प्रयास किया गया, उन्हें बात की पीड़ा है।
मुख्यमंत्री शिंदे को लिया निशाने पर
शिवसेना से बगावत करने वाले और महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा, "अगर मैंने उन्हें मुख्यमंत्री बना भी दिया होता तो उनकी महत्वकांक्षा खतरनाक थी।" शिंदे पर भरोसा जताने को अपनी सबसे बड़ी गलती बताते हुए ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से उनके पिता के नाम पर वोट न मांगने की अपील की है। ठाकरे ने कहा कि फूट से शिवसेना कमजोर नहीं होगी और मजबूत होकर उभरेगी।
सड़े पत्तों से की बागियों की तुलना
शिवसेना में बगावत से दुखी ठाकरे ने बागी नेताओं की तुलना सड़े हुए पत्तों से की। उन्होंने कहा कि कुछ सड़े हुए पत्ते झड़ रहे हैं। इन पत्तों को पेड़ से सब कुछ मिला। पेड़ से सबकुछ लेने के बाद भी वे झड़ रहे हैं। वे यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि अब पेड़ निर्जीव हो गया है, लेकिन अगले ही दिन माली आता है तो गिरे हुए पत्तों को टोकरी में भरकर ले जाता है।
महाराष्ट्र की पीठ पर वार कर रही है दिल्ली- ठाकरे
शिंदे गुट के साथ गठबंधन कर महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाली भाजपा पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भाजपा 2019 में उनकी शर्तें मान लेती तो उसका बहुत सम्मान होता। ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने जो अब किया है, वह अगर 2019 में कर लेती तो यह सम्मानजनक तरीके से होता। उनके करोड़ों रुपये की लागत बच जाती। दिल्ली महाराष्ट्र की पीठ पर वार कर रही है।
हिंदुओं की एकता तोड़ने का प्रयास कर रहे कुछ लोग- ठाकरे
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि कुछ लोग हिंदुओं की एकता तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। वो शिवसेना को खत्म करना चाहते हैं क्योंकि वो हिंदुत्व में किसी दूसरे साझेदार को नहीं चाहते। वो ठाकरे को शिवसेना से अलग करना चाहते हैं।
शिवसेना में बगावत के बाद शिंदे बने मुख्यमंत्री
बता दें कि शिवसेना से बगावत करने के बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया है। ठाकरे सरकार में मंत्री रहे शिंदे पिछले काफी समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे और उन्होंने बगावत को हवा देकर शिवसेना के अधिकतर विधायकों को अपने पाले में कर लिया। इसके बाद उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए बुलाया गया, लेकिन उन्होंने इससे पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।