महाराष्ट्र: फ्लोर टेस्ट से पहले शिंदे गुट को बड़ी सफलता, स्पीकर चुनाव में मारी बाजी
क्या है खबर?
महाराष्ट्र विधानसभा में आज स्पीकर के पद के लिए वोटिंग हुई और इसमें भाजपा के उम्मीदवार राहुल नर्वेकर ने बाजी मारी। नर्वेकर के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के उम्मीदवार राजन सालवी को मात दी।
नर्वेकर के समर्थन में 164 वोट पड़े, वहीं उनके खिलाफ 107 विधायकों ने वोट किया।
ये शिवसेना के बागी विधायकों की पहली परीक्षा थी और इसमें वे सफल हुए। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार का समर्थन किया था।
व्हिप
शिवसेना के दोनों गुटों ने जारी किया था अलग-अलग व्हिप
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी गुट और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने शिवसेना विधायकों के अलग-अलग व्हिप जारी किया था।
शिंदे गुट ने विधायकों को भाजपा उम्मीदवार नर्वेकर को वोट देने का निर्देश दिया था, वहीं ठाकरे गुट ने सालवी को वोट देने का निर्देश दिया।
किस गुट का व्हिप मान्य करार दिया जाता है, उसके आधार पर किसी एक गुट के विधायकों की सदस्यता रद्द हो सकती है।
स्पीकर चुनाव
कल होने वाले फ्लोर टेस्ट का सेमीफाइनल था स्पीकर का चुनाव
स्पीकर का ये चुनाव कल होने वाले फ्लोर टेस्ट का सेमीफाइनल था। कल शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को अपने बहुमत साबित करना है।
शिवसेना के लगभग 40 विधायकों के साथ-साथ शिंदे को भाजपा के 106 विधायकों का समर्थन भी हासिल है, ऐसे में वो आसानी से अपना बहुमत साबित कर सकते हैं।
फ्लोर टेस्ट के हिसाब से स्पीकर का चुनाव बेहद अहम था क्योंकि वही फैसला लेंगे कि किस गुट का व्हिप मानकर विधायकों की सदस्यता रद्द करनी है।
अहमियत
16 बागियों की सदस्यता पर भी स्पीकर को लेना है फैसला
16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने के ठाकरे गुट के नोटिस पर भी स्पीकर को फैसला लेना होगा, इस लिहाज से भी इस पद पर भाजपा उम्मीदवार का चयन अहम हो जाता है।
ये नोटिस डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तक बागियों की किस्मत पर कोई भी फैसला लेने पर रोक लगा दी थी।
जिन बागियों के खिलाफ नोटिस दिया गया है, उनमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं।
पृष्ठभूमि
एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर बनाई है सरकार
गौरतलब है कि पिछले महीने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई है और उन्होंने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
शिंदे ने शिवसेना के अधिकतर विधायकों का समर्थन जुटा लिया था, जिससे संख्याबल के मामले में ठाकरे कमजोर पड़ गए।
शुरूआती इनकार के बाद भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है।
संघर्ष
शिवसेना पर कब्जे को लेकर ठाकरे और शिंदे गुट में संघर्ष जारी
ठाकरे और शिंदे गुट में शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई अभी भी जारी है। शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में भी खुद को 'असली शिवसेना' घोषित किया है और उसका कहना है कि ठाकरे गुट के पास अब बहुमत नहीं है।
वहीं ठाकरे गुट ने कहा है कि उनका गुट ही असली शिवसेना है और उद्धव पार्टी प्रमुख हैं जिन्हें आंतरिक चुनाव के बाद इस पद पर चुना गया था। उन्होंने कहा है कि शिंदे शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं।