
महाराष्ट्र: ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नवाब मलिक और उनके परिवार की संपत्ति कुर्क की
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता नवाब मलिक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की।
ED ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मलिक और उनके परिवार की आठ संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया है।
बता दें कि मलिक वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद है।
कार्रवाई
ED ने किन संपत्तियों को कुर्क किया?
ED अधिकारियों ने बताया कि PMLA के तहत मलिक और उनके परिवार की आठ संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क किया गया है।
इन संपत्तियों में कुर्ला पश्चिम में गोवावाला कंपाउंड, एक कमर्शियल यूनिट, उस्मानाबाद जिले में 147.794 एकड़ की कृषि भूमि, कुर्ला पश्चिम में तीन फ्लैट और बांद्रा पश्चिम में दो आवासीय फ्लैट शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई के लिए संबंधित लोगों को कुर्की के नोटिस भी भेज दिए गए हैं। मामले की जांच जारी है।
पृष्ठभूमि
ED ने 23 फरवरी को किया था मलिक को गिरफ्तार
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मलिक को पूछताछ के लिए समय भेजा था।
इसके बाद ED के अधिकारी 23 फरवरी को सुबह 6 बजे मलिक के घर पहुंचे और लगभग डेढ़ घंटे पूछताछ के बाद उन्हें सुबह 7:30 बजे ED कार्यालय ले गए।
वहां करीब पांच घंटे पूछताछ के बाद जांच में सहयोग नहीं करने को लेकर दोपहर 03:30 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
जानकारी
लगातार बढ़ती जा रही है मलिक की हिरासत
ED ने मलिक को गिरफ्तारी के बाद विशेष अदालत में पेश किया था, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। जिसके बाद उन्हें आर्थर रोड जेल ले जाया गया था। उसके बाद से उनकी हिरासत की अवधि लगातार बढ़ती जा रही है।
आरोप
क्या है मलिक पर आरोप?
ED का आरोप है कि मलिक ने दाऊद के सहयोगियों हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मुंबई के कुर्ला में मुनीरा प्लंबर की पैतृक संपत्ति हड़पने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी।
ED ने कहा था कि उस संपत्ति की कीमत लगभग 300 करोड़ रुपये है, लेकिन मलिक ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस अपराध अंजाम दिया था।
यह मामला दाऊद इब्राहिम और अन्य के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दर्ज FIR पर आधारित है।
सुनवाई
जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट
इधर, मुंबई हाई कोर्ट के फरवरी में जमानत याचिका को खारिज करने के बाद मलिक ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के जरिए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।
इस याचिका को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्वीकार कर लिया है। ऐसे में अब जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई की तारीख निर्धारित नहीं की है।
दलील
सिब्बल ने कोर्ट में यह दी दलील
मलिक के वकील सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से मामले को सुचीबद्ध करने की मांग करते हुए कहा कि नवाब मलिक के खिलाफ चल रहा मामला साल 2000 से पहले का है। जबकि ED उनके खिलाफ PMLA के तहत कार्रवाई कर रहा है, जो साल 2005 में बना था। ऐसे में उनके खिलाफ इस अधिनियम में कार्रवाई करना उचित नहीं है।
इस पर जवाब देते हुए CJI ने कहा कि वह इस मामले को आवश्यक रूप से सूचीबद्ध करेंगे।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
मलिक के खिलाफ चल रहे मामले को लेकर भाजपा लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है।
भाजपा विधायकों ने 4 मार्च को विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन ही विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते हुए मलिक के इस्तीफे की मांग की थी। इसके बाद विधायकों ने 5 मार्च को भी प्रदर्शन किया था, लेकिन मलिक ने इस्तीफा नहीं दिया।
इसको लेकर 9 मार्च को भाजपा ने मोर्चा निकाला था। उसमें देवेंद्र फडणवीस को हिरासत में लिया गया था।