उद्धव ठाकरे ने कहा, महाराष्ट्र में नहीं बनेगा NRC के लिए कोई भी डिटेंशन सेंटर
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि वो राज्य में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) के लिए डिटेंशन सेंटर नहीं बनने देंगे। मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में उन्होंने में ये बात कही। NRC और नागरिकता कानून पर विवाद के बीच उन्होंने ये भी कहा कि उनकी सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि किसी के साथ अन्याय न हो। हालांकि राज्य में NRC नहीं होने देने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।
उद्धव बोले, इस समय डर और अविश्वास का माहौल
सोमवार को समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के नेतृत्व में मुस्लिम समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल उद्धव ठाकरे से मिला था और NRC और नागरिकता कानून पर समुदाय की आशंकाओं को जाहिर किया था। इन नेताओं को आश्वासन देते हुए उद्धव ने कहा कि इस समय डर और अविश्वास का माहौल है लेकिन उनकी सरकार सुनिश्चित करेगी कि मुस्लिम समुदाय के साथ कोई भी अन्याय न हो। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य युवाओं को आजीविका प्रदान करना है।
"राज्य में नहीं बनेगा कोई भी डिटेंशन सेंटर"
उद्धव ने कहा कि डिटेंशन सेंटर को लेकर कुछ गलतफहमी है। उन्होंने कहा, "डिटेंशन सेंटर केवल उन विदेशी नागरिकों के लिए हैं जो अपनी सजा काट चुके हैं और जिन्हें निर्वासित किया जाना है। हालांकि हम राज्य में कोई भी डिटेंशन सेंटर नहीं बनने देंगे।"
पिछली भाजपा सरकार ने की थी डिटेंशन सेंटर के लिए जमीन की पहचान
बता दें कि महाराष्ट्र की पिछली भाजपा सरकार के दौरान ही डिटेंशन सेंटर के लिए जमीन की पहचान कर ली गई थी। ये जमीन नवी मुंबई के नेरूल इलाके में है। केंद्र सरकार के सभी राज्यों को डिटेंशन सेंटर के लिए जमीन चयनित करने का निर्देश देने के बाद जुलाई में इस जमीन की पहचान की गई थी। लेकिन अब सरकार बदलने और उद्धव के बयान के बाद इस पर आगे कुछ काम होगा, इसकी संभावना बेहद कम है।
आजमी ने जताई आश्वासनों पर संतुष्टि
उद्धव से मुलाकात के बाद आजमी ने उनके आश्वासनों पर संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा, "ये मुस्लिमों के लिए बड़ी राहत की बात है कि पिछली भाजपा सरकार के विपरीत मौजूदा सरकार मुस्लिमों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील है।"
NRC लागू करने पर अभी तक कुछ नहीं बोले उद्धव
बता दें कि उद्धव महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के समर्थन से सरकार चला रहे हैं। ये दोनों पार्टियां NRC और नागरिकता कानून के खिलाफ हैं। इसके बावजूद उन्होंने अभी तक NRC को राज्य में लागू होने देने या नहीं देने पर कुछ नहीं कहा है। कुछ समय पहले उद्धव ने इस बारे में कहा था कि वो नागरिकता कानून पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर फैसले तक इंतजार करेंगे।