
अजित पवार होंगे महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री, कैबिनेट विस्तार में होंगे मंत्रिमंडल में शामिल
क्या है खबर?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बनेंगे।
30 दिसंबर को होने जा रहे महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट विस्तार में उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करके उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
उनके अलावा कांग्रेस के अशोक चव्हाण और शिवसेना के सुनील प्रभु को भी कैबिनेट में जगह दी जाएगी। करीब दो दर्जन नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है।
बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मात्र छह मंत्रियों के साथ 28 नवंबर को शपथ ली थी।
पृष्ठभूमि
भाजपा से लड़ाई के बाद शिवसेना ने कांग्रेस-NCP के साथ बनाई थी सरकार
बता दें कि शिवसेना और भाजपा का गठबंधन टूटने के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और NCP के महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने सरकार बनाई थी।
तब उप मुख्यमंत्री पद को NCP के लिए छोड़ा गया था। तभी से अजित पवार को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें चल रही थीं।
लेकिन उद्धव के शपथ ग्रहण के समय उन्हें उप मुख्यमंत्री इसलिए नहीं बनाया गया क्योंकि कुछ दिन पहले ही उन्होंने NCP से बगावत की थी।
कैबिनेट विस्तार
इन नेताओं को भी मिलेगी मंत्रिमंडल में जगह
अजित पवार के अलावा जिन नेताओं को कैबिनेट विस्तार में NCP के कोटे से मंत्री बनाया जाएगा उनमें दिलीप वाल्से पाटिल, अदिति टटकरे, राजेंद्र शिंगने, राजेश टोपे और माणिक कोकाटे शामिल हैं।
इसके अलावा कांग्रेस को भी विधानसभा स्पीकर के अलावा 13 मंत्री पद मिलने हैं। इनमें से अशोक चव्हाण और अमित देशमुख के नाम तय हो चुके हैं जबकि अन्य नामों पर शीर्ष नेतृत्व से मंजूरी मिलना बाकी है।
जानकारी
शिवसेना की ओर से इन्हें मिलेगा मंत्री पद
शिवसेना की ओर से प्रकाश अभीत्कर, गुलाब पाटिल, दादा भीसे, उदय सावंत, बच्चू काडू, संजय राठौड़ और अब्दुल सत्तार को कैबिनेट विस्तार में मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। किसे कौन सी जिम्मेदारी मिलेगी, ये अभी तय नहीं है।
नाकाम बगावत
बगावत के बावजूद अजित को कोई नुकसान नहीं
बता दें कि सरकार गठन से पहले जिस समय शिवसेना, कांग्रेस और NCP में गठबंधन के लिए बातचीत चल रही थीं, तब अजित ने अपनी पार्टी से बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया था।
लेकिन शरद पवार की कोशिशों के कारण ये बगावत असफल हो गई थी और अजित वापस NCP में आ गए और अब उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है।
ऐेसे में बगावत के बावजूद अजित का कुल नुकसान जीरो रहा।