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दिल्ली: उपराज्यपाल ने अब बस खरीद सौदे की जांच की मंजूरी दी, AAP ने किया पलटवार
दिल्ली में उपराज्यपाल और AAP सरकार एक बार फिर आमने-सामने आए

दिल्ली: उपराज्यपाल ने अब बस खरीद सौदे की जांच की मंजूरी दी, AAP ने किया पलटवार

Sep 11, 2022
03:19 pm

क्या है खबर?

शराब नीति के बाद अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार के बस खरीद सौदे की जांच कराने के अनुरोध को मंजूरी दे दी है। मुख्य सचिव नरेश कुमार ने सौदे की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की थी, जिसे उपराज्यपाल ने मंजूर कर दिया है। CBI पहले से ही मामले की जांच कर रही है। दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए इसे राजनीति से प्रेरित फैसला बताया है।

सौदा

क्या है दिल्ली सरकार का बस खरीद सौदा?

दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले दिल्ली परिवहन निगम (DTC) विभाग ने मार्च, 2020 में 1,000 CNG और AC बस खरीदने का टेंडर जारी किया था। इसके चार महीने बाद उसने इन बसों के रखरखाव के लिए वार्षिक रखरखाव अनुबंध (AMC) टेंडर जारी किया। दिल्ली सरकार ने 1,000 बसों की खरीद के लिए 875 करोड़ रुपय चुुकाए, वहीं 12 साल के रखरखाव के AMC के लिए 3,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

शिकायत

उपराज्यपाल को जून में मिली थी भ्रष्टाचार की शिकायत

उपराज्यपाल सक्सेना को इस साल जून में इस सौदे के संबंध में शिकायत मिली थी। इस शिकायत में दिल्ली के परिवहन मंत्री को बसों के टेंडर और खरीद से संबंधित समिति का चेयरमैन बनाए जाने और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (DIMTS) की मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर नियुक्ति में भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप लगाया गया था। उपराज्यपाल ने जुलाई में इस शिकायत को सरकार के संबंधित विभागों की प्रतिक्रिया के लिए मुख्य सचिव नरेश कुमार के पास भेज दिया।

रिपोर्ट

मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?

अगस्त में भेजी गई अपनी रिपोर्ट में मुख्य सचिव कुमार ने कहा कि टेंडर की प्रक्रिया में गंभीर विसंगतियां थीं। उन्होंने इसे केंद्रीय सतर्कता आयोग की गाइडलाइंस और सामान्य वित्तीय नियमों का गंभीर उल्लंघन बताया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि DIMTS को जानबूझकर कंसल्टेंट बनाया गया ताकि अनियमितताओं को छिपाया जा सके। रिपोर्ट में CBI जांच की सिफारिश की गई थी जिसे अब उपराज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है।

जांच

CBI पहले से ही कर रही है मामले की जांच

बता दें कि CBI पहले से ही मामले की जांच कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर ये जांच की जा रही है। गृह मंत्रालय ने अगस्त, 2021 में तत्कालीन उपराज्यपाल द्वारा गठित किए गए पैनल की रिपोर्ट के आधार पर ये निर्देश दिया था। पैनल ने अपनी रिपोर्ट में टेंडर और खरीद के मामले में क्लीन चिट दे दी थी, हालांकि उसे प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ियां मिली थीं जो फैसले लेने की प्रक्रिया के कारण पैदा हुईं।

प्रतिक्रिया

दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल पर किया पलटवार

दिल्ली सरकार ने मामले पर पलटवार करते हुए उपराज्यपाल के फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया है। उसने कहा, "बसों को कभी खरीदा नहीं गया, टेंडर रद्द कर दिए गए। दिल्ली को एक अधिक शिक्षित उपराज्यपाल की जरूरत है... उपराज्यपाल पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप हैं। इनसे ध्यान भटकाने के लिए वह ऐसी जांच करा रहे हैं... पहले उन्होंने तीन मंत्रियों के खिलाफ तुच्छ शिकायतें कीं और अब उन्होंने चौथे मंत्री के खिलाफ शिकायत की है।"

उपराज्यपाल पर आरोप

न्यूजबाइट्स प्लस

आम आदमी पार्टी (AAP) ने उपराज्यपाल सक्सेना पर आरोप लगाया है कि 2016 में जब वह खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के चेयरमैन थे, तब उन्होंने नोटबंदी के आसपास 1,400 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। आरोप है कि सक्सेना ने KVIC के कर्मचारियों पर दबाव डालकर 1,400 करोड़ रुपये के अपने पुराने नोट बदलवाए थे। इसके अलावा उन पर मुंबई के एक खादी लाउंज की इंटीरियर डिजाइनिंग का ठेका अपनी बेटी को दिलवाने का आरोप भी है।