दिल्ली: जनवरी से मार्च के बीच हुई 97% मौतों में ओमिक्रॉन वेरिएंट मिला
क्या है खबर?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिर से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है। सोमवार को यहां फरवरी के बाद सबसे अधिक 632 नए मामले सामने आए हैं। इसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
इसी बीच एक सरकारी डाटा में सामने आया है कि दिल्ली में जनवरी से मार्च 2022 के बीच कोरोना से हुई मौतों में से 97 प्रतिशत के नमूनों में ओमिक्रॉन वेरिएंट की मौजूदगी पाई गई है। इसने विशेषज्ञों को चौंका दिया है।
जीनोम सीक्वेंसिंग
जीनोम सीक्वेंसिंग में हुई ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सरकारी डाटा में बताया गया है कि दिल्ली में जनवरी से मार्च के बीच कोरोना से मरने वालों के एकत्र किए गए 578 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई गई थी।
इनमें से 97 प्रतिशत यानी 560 नमूनों में ओमिक्रॉन वेरिएंट की मौजूदगी पाई गई है। इसी तरह शेष 18 यानी तीन प्रतिशत नमूनों में डेल्टा सहित कोरोना वायरस के अन्य मिले हैं।
बता दें डेल्टा वेरिएंट पिछले साल महामारी की दूसरी लहर का कारण बना था।
कारण
मौतों का प्राथमिक कारण नहीं रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट
सरकारी डाटा के अनुसार, दिल्ली में मार्च में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में जांचे गए सभी 504 नमूनों में ओमिक्रॉन वेरिएंट पाया गया है। हालांकि, ओमिक्रॉन के कारण फैली महामारी की तीसरी लहर के दौरान दिल्ली के अस्पताल में भर्ती होने वाले और गंभीर मामले दूसरी लहर की तुलना में अपेक्षाकृत कम थे।
सरकार के आंकड़ों में यह भी कहा गया है कि शहर में हुई अधिकांश मौतों में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट प्राथमिक कारण नहीं रहा है।
तुलना
दूसरी और तीसरी लहर में यह रही थी अस्पतालों की स्थिति
बता दें कि 17 जनवरी तक दिल्ली के अस्पतालों में 15,505 कोरोना बेड्स में से अधिकतम 2,784 (17.96 प्रतिशत) पर ही मरीज भर्ती हुए थे, जबकि दूसरी लहर के दौरान 21,839 बेड्स में से 20,117 (92 प्रतिशत) 6 मई तक फुल हो गए थे।
ऐसे में तीसरी लहर में ओमिक्रॉन वेरिएंट ने लोगों को संक्रमित तो किया, लेकिन अस्पताल पहुंचने की स्थिति में नहीं पहुंचाया। मौतें भी अन्य बीमारियों से जूझने के कारण हुई थी।
वर्तमान हालात
दिल्ली में वर्तमान में क्या है कोरोना संक्रमण की स्थिति?
दिल्ली में फिर से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। सोमवार को शहर में 632 नए मामले सामने आए हैं, लेकिन मौत किसी की भी नहीं हुई।
इसके साथ शहर में संक्रमितों की कुल संख्या 18,69,683 हो गई है। इनमें से 26,160 की मौत हो चुकी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 1,947 हो गई है।
विशेषज्ञों ने इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों के मास्क सहित कोरोना से बचाव के नियमों का पालन नहीं करने को जिम्मेदार ठहराया है।
जानकारी
दिल्ली में फिर से अनिवार्य किया गया मास्क
बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की मंगलवार को बैठक हुई। इसमें संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मास्क पहनना फिर से अनिवार्य किया गया है। उल्लंघन करने वालों से 500 रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।