भारत में एक बच्चे को पढ़ाने पर कितना खर्च आता है?
क्या है खबर?
आजकल देशभर में अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए माता-पिता को मोटी रकम चुकानी पड़ रही है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक बच्चे को तीन से 17 साल की उम्र तक प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए 30 लाख रुपये तक का खर्च वहन करना पड़ता है।
इसमें सबसे ज्यादा पैसा तब चुकाना पड़ता है जब बच्चे का एडमिशन करवाया जाता है क्योंकि उस समय सबसे ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं।
लागत
पिछले आठ साल में शिक्षा की लागत में 10-12 प्रतिशत वृद्धि हुई
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एडुफंड के अनुसार, 2012 से 2020 के बीच भारत में शिक्षा की लागत में लगभग 10-12 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह डाटा प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई पर होने वाले खर्च के अनुसार लिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, समय-समय पर यह बढ़ोतरी सिर्फ ट्यूशन फीस में ही नहीं हुई और परिवहन और परीक्षाओं की लागत भी माता-पिता के समग्र खर्च को प्रभावित करती है।
एडमिशन फीस
टियर 1 शहरों में 25,000 से 75,000 रूपये है एडमिशन फीस
रिसर्च के मुताबिक, टियर 1 शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू आदि के अधिकांश स्कूलों में एडमिशन फीस 25,000 रुपये से लेकर 75,000 रुपये तक है। अगर माता-पिता के दो बच्चे हैं तो कुछ संस्थान उन्हें 10,000 से 20,000 रुपये के बीच की छूट भी देते हैं।
वहीं टियर 1 और टियर 2 शहरों में प्रीस्कूलिंग के लिए औसत ट्यूशन फीस 60,000 से 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच हो सकती है।
प्राथमिक शिक्षा
प्राथमिक शिक्षा के लिए माता-पिता को खर्च करने पड़ सकते हैं 5.50 लाख रुपये
इसके अलावा महानगरों में जहां प्रोफेशनल्स डे-केयर सेंटर होते हैं, वहां हर बच्चे को एक दिन रखने के लिए 500 से 850 रुपये तक देने होते हैं।
रिसर्च के मुताबिक, प्राथमिक प्राइवेट स्कूलों में ट्यूशन फीस 1.25 लाख रुपये से 1.75 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच है। इसमें अभिभावकों को यह सुझाव दिया गया है कि प्राथमिक शिक्षा के लिए माता-पिता को 5.50 लाख रुपये का बजट तैयार करके रखना चाहिए।
सुझाव
हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए न्यूनतम 9 लाख रुपये का बजट तैयार रखने का सुझाव
दूसरी ओर हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए अभिभावकों को कम से कम 9 लाख रुपये का बजट तैयार रखने का सुझाव दिया गया है।
वहीं मिडिल स्कूल के लिए औसत वार्षिक ट्यूशन फीस 1.6 लाख से लेकर 1.8 लाख रुपये के बीच है, जबकि कुल लागत लगभग 9.5 लाख रुपये है।
कक्षा 11 से कई स्कूल छात्रों के माता-पिता से किताबों के लिए अलग से पैसे लेते हैं, जो प्रतिमाह 4,000 से 7,000 रुपये के बीच होता है।
इंजीनियरिंग
इंजीनियरिंग की पढ़ाई में लगभग 4-20 लाख रुपये हो सकते हैं खर्च
रिपोर्ट के मुताबिक, इंजीनियरिंग कॉलेजों के चार साल के BTech या तीन साल के BSc कोर्स में एडमिशन लेने में लगभग 4-20 लाख रुपये खर्च होते हैं।
वहीं JEE मेन और अन्य प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग का खर्च 30,000 से लेकर 5 लाख रुपये तक आता है।
इसके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंसी कोर्स पूरा करने के लिए ट्यूशन फीस के अलावा कुल खर्च 86,000 रुपये है।
जानकारी
बच्चों की शिक्षा के लिए योजना बनाना शुरू कर दें माता-पिता- विशेषज्ञ
रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि माता-पिता को जल्द ही अपने बच्चों की शिक्षा के लिए योजना बनाना शुरू कर देनी चाहिए और अपनी बचत का उचित आवंटन करने के लिए वे अपने अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को बदल सकते हैं।