
मेघालय ने CBI से वापस ली सामान्य सहमति, ऐसा करने वाला नौवां राज्य बना
क्या है खबर?
मेघालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को दी सामान्य सहमति वापस ले ली है। 2018 के बाद ऐसा करने वाला मेघालय नौवां राज्य है।
राज्य में कोनराड संगमा की नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) की सरकार है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सहयोगी होने के बावजूद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है।
अभी तक केवल विपक्ष पार्टियों की सरकारों वाले राज्य ने CBI से सामान्य सहमति वापस ली थी।
जानकारी
इस कदम के पीछे क्या वजह मानी जा रही?
इंडियन एक्सप्रेस ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से लिखा है, "यह सच है कि मेघालय ने CBI से सामान्य सहमति वापस ले ली है, लेकिन इसका कारण पता नहीं है।"
राज्य सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के भाई जेम्स पीके संगमा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं। उन पर सौभाग्य योजना को लागू करने में भ्रष्टाचार करने का आरोप है और कांग्रेस CBI जांच की मांग कर रही है।
जानकारी
समान्य सहमति का क्या मतलब होता है?
राज्य सरकारें जांच के लिए CBI को सामान्य या मामला विशेष से जुड़ी सहमति देती हैं।
सामान्य सहमति CBI की केंद्रीय कर्मचारियों के भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में जांच के लिए मदद करती है।
अगर यह सहमति न मिली हो तो CBI को हर मामले में छोटी से छोटी कार्रवाई के लिए भी राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है।
आमतौर पर राज्य CBI को यह सहमति दे देते हैं।
CBI जांच
सहमति लेना क्यों जरूरी है?
CBI दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम द्वारा शासित है और केवल केंद्र सरकार के विभागों और कर्मचारी ही इसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
ऐसे में यह राज्य सरकार के कर्मचारियों और किसी राज्य में हिंसक अपराध से संबंधित मामले की जांच संबंधित सरकार की सहमति के बाद ही कर सकती है।
अगर किसी राज्य ने सामान्य सहमति वापस ली है तो CBI उस राज्य में बिना सरकार की मंजूरी के नया मामला दर्ज नहीं कर सकती।
CBI जांच
मेघालय से पहले इन राज्यों ने वापस ली थी सहमति
महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल और मिजोरम ने सामान्य सहमति वापस ली है। मिजोरम को छोड़कर बाकी जगहों पर विपक्ष की सरकार है।
मिजोरम ने सबसे पहले 2015 में सहमति वापस ली थी, जब यहां पर कांग्रेस की सरकार थी। 2018 में यहां सरकार बदली, लेकिन NDA की सहयोगी होने के बावजूद जोरामथंगा सरकार ने सहमति बहाल नहीं की है।
इनका आरोप है कि केंद्र विपक्ष को निशाना बनाने के लिए CBI का दुरुपयोग कर रहा है।
सवाल
क्या पुराने मामलों की जांच पर पड़ेगा असर?
जिन नौ राज्यों ने सामान्य सहमति वापस ली है, उनमें अब भी CBI पुराने मामलों की जांच जारी रख सकती है।
साथ ही देश में किसी दूसरी जगह दर्ज हुए मामले के सिलसिले में इन आठ राज्यों में तैनात केंद्रीय कर्मचारी CBI के क्षेत्राधिकार में आते हैं।
सहमति वापस होने के बाद पुराने मामलों में तलाशी को लेकर अभी तक अधिकार स्पष्ट नहीं है, लेकिन एजेंसी स्थानीय अदालत से वारंट लेकर तलाशी ले सकती है।