
दिल्ली विधानसभा ने पुलिस कमिश्नर पद पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया
क्या है खबर?
दिल्ली विधानसभा ने गुरुवार को राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस प्रमुख के पद पर तैनाती के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है।
आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा की तरफ से लाए गए इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से अस्थाना की नियुक्ति खारिज करने की मांग की गई है।
झा ने कहा कि अस्थाना की नियुक्ति अंसवैधानिक हैं और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन किया गया है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पृष्ठभूमि
मंगलवार को हुई थी अस्थाना की नियुक्ति
केंद्र ने गुजरात कैडर के IPS अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है। वो 31 जुलाई को रिटायर होने वाले थे, लेकिन इससे पहले मंगलवार को केंद्र ने उन्हें दिल्ली पुलिस की कमान थमा दी।
अब तक सीमा सुरक्षा बल (BSF) और नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के महानिदेशक अस्थाना को एक साल का सेवा विस्तार देकर इस पद पर लाया गया है।
बता दें, उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के करीबी अफसरों में गिना जाता है।
बयान
झा बोले- अस्थाना की नियुक्ति असंवैधानिक
विधानसभा में बोलते हुए संजीव झा ने कहा कि दिल्ली पुलिस प्रमुख के पद पर अस्थाना की नियुक्ति न केवल असंवैधानिक है बल्कि सुप्रीम कोर्ट की अवमानना भी है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पुलिस प्रमुख के पद पर केवल उसी अधिकारी की नियुक्ति हो सकती है, जिसकी रिटायरमेंट में कम से कम छह महीने के समय बचा हो।
झा ने आरोप लगाया कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं किया गया है।
बयान
विवादों से भरा रहा है अस्थाना का कार्यकाल- झा
झा ने अपने संबोधन में कहा 2011 में अस्थाना पर लेनदेन का आरोप लगा, 2017 में उनके CBI में रहते हुए विवाद हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने CBI निदेशक के पद पर उनकी नियुक्ति के मामले में भी सवाल किया था।
झा ने कहा कि केंद्र को दिल्ली में बढ़ते अपराधों की चिंता नहीं है। अगर अपराध रोकने की मंशा होती तो दूसरे कैडर के अधिकारी की नियुक्ति नहीं होती। बालाजी श्रीवास्तव को जिम्मेदारी देने के बाद हटा दिया गया।
जानकारी
भाजपा विधायकों ने किया प्रस्ताव का विरोध
प्रस्ताव के खिलाफ बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए अस्थाना को पुलिस मेडल दिया गया था और उन्होंने चारा घोटाले का पर्दाफाश करने में अहम भूमिका निभाई थी।
बिधूड़ी ने आगे कहा कि सदन को केंद्र सरकार का शुक्रगुजार होना चाहिए कि राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाया गया है। उनकी नियुक्ति अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के लिए बड़ा झटका है।
जानकारी
CBI निदेशक की रेस में शामिल थे अस्थाना
दो महीने पहले राकेश अस्थाना CBI निदेशक बनने की रेस में शामिल थे, लेकिन रिटायरमेंट नजदीक होने के कारण वो इससे बाहर हो गये।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला पैनल जब मई में CBI निदेशक चुनने के लिए बैठा, तब इसमें शामिल मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया कि जिन अधिकारियों की रिटायरमेंट में छह महीने से कम का वक्त बचा हो, उन्हें पुलिस प्रमुख नहीं बनाया जा सकता।