दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बनाए गए गुजरात कैडर के IPS अधिकारी राकेश अस्थाना
केंद्र सरकार ने IPS अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है। वो 31 जुलाई को रिटायर होने वाले थे, लेकिन इससे तीन दिन पहले मंगलवार को केंद्र ने उन्हें दिल्ली पुलिस की कमान थमा दी। अब तक सीमा सुरक्षा बल (BSF) और नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के महानिदेशक अस्थाना को एक साल का सेवा विस्तार देकर इस पद पर लाया गया है। बता दें, उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के करीबी अफसरों में गिना जाता है।
इंटर कैडर डेपुटेशन पर दिल्ली लाए गए अस्थाना
दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव 30 जून को रिटायर हुए थे। उनकी जगह बालाजी श्रीवास्तव को अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। सरकारी आदेश में कहा गया है कि अस्थाना को इंटर कैडर डेपुटेशन देते हुए गुजरात से AGMUT (जहां से आमतौर पर दिल्ली पुलिस का कमिश्नर चुना जाता है) कैडर में लाया जा रहा है। एसएस जोग और अजयराज शर्मा के बाद अस्थाना दूसरे कैडर के तीसरे अधिकारी हैं, जिन्हें दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाया गया है।
CBI में रहते हुए आलोक वर्मा से हुआ था विवाद
रांची के रहने वाले अस्थाना 1984 बैच के IPS अधिकारी हैं। जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तब अस्थाना समेत करीब 20 अधिकारियों को गुजरात से दिल्ली बुलाया गया था। अस्थाना को CBI में विशेष निदेशक नियुक्त किया गया था। एजेंसी में रहते हुए उनका तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा से विवाद हो गया था। वर्मा ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए अस्थाना के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई थी। बाद में उन्हें इस मामले में क्लीन चिट मिल गई थी।
CBI निदेशक की रेस में शामिल थे अस्थाना
दो महीने पहले राकेश अस्थाना CBI निदेशक बनने की रेस में शामिल थे, लेकिन रिटायरमेंट नजदीक होने के कारण वो इससे बाहर हो गये। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला पैनल जब मई में CBI निदेशक चुनने के लिए बैठा, तब इसमें शामिल मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया कि जिन अधिकारियों की रिटायरमेंट में छह महीने से कम का वक्त बचा हो, उन्हें पुलिस प्रमुख नहीं बनाया जा सकता।
कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर चुके हैं अस्थाना
तेज-तर्रार अधिकारी माने जाने वाले अस्थाना कई अहम मामलों की जांच से जुड़े रहे हैं। CBI में SP रहते हुए उन्होंने चारा घोटाले की जांच की थी। इसके अलावा वो अहमदाबाद बम धमाके, गोधरा ट्रेन कांड की भी जांच कर चुके हैं। हालिया वर्षों की बात करें तो उन्होंने आसाराम के बेटे के खिलाफ जांच की थी। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच उनकी निगरानी में ही शुरू हुई थी।