दिल्ली दंगों की 'साजिश' मामला: चार्जशीट लीक करने वाले व्यक्ति का पता लगाए पुलिस- हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस से उस व्यक्ति का पता लगाने को कहा है, जिसने चार्जशीट को मीडिया में लीक किया था। दिल्ली में हुए दंगों की कथित साजिश रचने के मामले में यह चार्जशीट दायर की गई थी। अदालत द्वारा इसका संज्ञान लिये जाने से पहले ही यह लीक हो गई थी। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने भी उन आरोपों पर जवाब मांगा है, जिनमें पुलिस द्वारा चार्जशीट के अंश लीक करने की बात कही जा रही है।
चार्जशीट लीक करने के आरोप साबित हुए- कोर्ट
हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यह आरोप साबित हो चुका है कि चार्जशीट को लीक किया गया था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा की तरफ से पेश हुए वकील सिद्धार्थ अग्रवाल को एक लीक हुई चार्जशीट से संबंधित अतिरिक्त हलफनामा दायर करने की इजाजत दे दी है। तन्हा ने चार्जशीट में उसका कबूलनामा बताए जा रहे बयान की मीडिया में हुई रिपोर्टिंग को कोर्ट में चुनौती दी थी।
आरोप साबित हो सकने तक नहीं दी जा सकती जानकारी- कोर्ट
तन्हा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा कि कोर्ट इस मामले में बहुत साफ है कि आरोप साबित होने तक पुलिस की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी जाएगी। देखते हैं कि इस पर क्या कार्रवाई की जा सकती है। पिछले साल जुलाई में कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया था कि आरोप साबित न होने और ट्रायल पूरा न होने तक किसी भी आरोपी और गवाह के बारे में जानकारी नहीं दी जानी चाहिए।
दिल्ली पुलिस ने किया आदेश का विरोध
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अग्रवाल ने कहा कि पुलिस ने 25 फरवरी को अदालत के सामने पूरक चार्जशीट पेश की थी और अगले ही दिन यह मीडिया के पास उपलब्ध थी। तब तक न तो अदालत ने इसका संज्ञान लिया था और न ही आरोपी को इसकी कॉपी सौंपी गई थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने लीक के पीछे किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराने के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि वह इन आरोपों पर अपना जवाब पेश करेगी।
लीक करने वाले व्यक्ति का पता लगाना जरूरी- कोर्ट
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस की दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि वह सिर्फ चार्जशीट लीक करने वाले व्यक्ति का पता लगाने का कह रहा है और इस पर हाइपर होने जैसा कुछ नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जिम्मेदारी तय करें और लीक के पीछे के व्यक्ति का पता लगाए। जो भी जिम्मेदार है उसकी जिम्मेदारी तय की जाए। जैसे आपने पहले पूछताछ की है वैसे मत करें। पुलिस को इसका पता लगाना होगा।
तीन दिनों तक दंगे की आग में जली थी दिल्ली
उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में बीते साल फरवरी के बीच लगातार तीन दिन दंगे हुए थे। उस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप भारत दौरे पर थे। दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस का एक हेड कांस्टेबल भी शामिल था। दंगों में संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था। दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी थी।