दिल्ली की जेलों से पैरोल पर रिहा हुए 80 कैदी फरार, तलाश जारी
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत में कैदियों को संक्रमण से बचाने के लिए सरकार की ओर से दी गई आपातकालीन पैरोल अब परेशानी का सबब बन गई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तीन जेलों से आपातकालीन पैरोल पर छोड़े गए कैदियों में करीब 80 कैदी पैरोल अवधि खत्म होने के बाद वापस जेल नहीं लौटे हैं। इससे जेल प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
अब जेल प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस की मदद मांगी है।
प्रकरण
कोरोना महामारी की शुरुआत में 1,000 कैदियों को दी गई थी पैरोल
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए सरकार के निर्देश पर दिल्ली स्थित तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेलों से करीब 1,000 कैदियों को आपातकालीन पैरोल दी गई थी।
इन कैदियों को 6 फरवरी, 2021 को फिर से जेल पहुंचने के लिए पाबंद किया गया था।
इसके बाद भी करीब 80 कैदी पैरोल अवधि खत्म होने पर वापस नहीं लौटे हैं। इस घटना ने तीनों जेल प्रशासन को चिंता में डाल दिया है।
बयान
तीनों जेलों के 20-30 कैदी हैं फरार
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार कई जेल अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि तीनों जेलों से औसतन 20-30 कैदी वर्तमान में फरार चल रहे हैं। इनमें से कई हत्या जैसे गंभीर अपराधों में सजा भुगत रहे थे।
उन्होंने बताया कि पैरोल से लौटने वालों को मंडोली जेल बुलाया गया था। इसका कारण था कि वहां पर आने वाले कैदियों की कोरोना की जांच की जा सके और रिपोर्ट के निगेटिव आने पर संबंधित जेल में भेजा जाए।
जानकारी
बेहतर आचरण वाले कैदियों को दी गई थी अंतरिम जमानत
जेल अधिकारियों ने बताया दिल्ली की तीनों जेलों में करीब 18,000 कैदी रहते हैं। महामारी की शुरुआत में 1,000 कैदियों को पैरोल देने के साथ बेहतर आचरण और आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार नहीं किए जाने वाले कई कैदियों को भी अंतरिम जमानत दी गई थी।
विवरण
फरार आरोपियों में धौला कुआं गैंगरेप मामले का दोषी भी शामिल
जेल अधिकारियों ने बताया कि पैरोल से नहीं लौटने वाले कैदियों में 2010 में धौला कुआं गैंगरेप मामले का दोषी शमशाद खुटकन उर्फ राहुल (31) भी शामिल है। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उसे गत 20 फरवरी को वापस लौटना था, लेकिन वह फरार हो गया।
इसके बाद 22 फरवरी को पुलिस ने उसे उत्तरी दिल्ली में पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया था कि शमशाद ने वापस लौटने से इनकार कर दिया था।
जानकारी
पिछले दो महीने में शमशाद ने 12 डकैतियों को दिया अंजाम
पुलिस ने बताया पैरोल पर जाने के बाद भी शमशाद ने अपराधों की राह नहीं छोड़ी। उसने पिछले दो महीनों में कम से कम 12 डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया था। पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी थी और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया।
इंतजार
एक अन्य कैदी ने कही उच्च न्यायालय के फैसले के बाद समर्पण करने की बात
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि वापस नहीं लौटने वालों में बुजुर्ग कैदी भी शामिल हैं। उन्होंने जेल प्रशासन को सूचित किया है कि वो 65 साल से अधिक उम्र के कैदियों की पैरोल खत्म करने के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद समर्पण करेंगे।
शहर के एक अधिवक्ता ने बुजुर्ग कैदियों की पैरोल को बढ़ाने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। उस पर निर्णय आना बाकी है।
बयान
दिल्ली पुलिस को दी जाएगी फरार कैदियों की सूची- गोयल
जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि पैरोल से वापस नहीं लौटने वाले कैदियों की वास्तविक संख्या का पुख्ता अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। आत्मसमर्पण की प्रक्रिया जारी है। नहीं लौटने वाले कैदियों की सूची दिल्ली पुलिस को सौंपी जाएगी।