घर-घर वैक्सीनेशन के जरिए बचाई जा सकती थी कई लोगों की जान- बॉम्बे हाई कोर्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट में बुधवार को कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए घर-घर वैक्सीनेशन शुरू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि यदि वह समय रहते घर-घर वैक्सीनेशन की शुरुआत करती तो अब तक संक्रमण से जान गंवाने वाले कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी। कोर्ट ने सरकार को घर-घर वैक्सीनेशन पर विचार करने को भी कहा है। मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी।
दो वकीलों ने दायर की थी जनहित याचिका
बता दें कि वकीलों ध्रुत कपाड़िया और कुणाल तिवारी ने गत दिनों बॉम्बे हाई कोर्ट में घर-घर वैक्सीनेशन शुरू करने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि देश में आज भी कई बुजुर्ग और कमजोर लोग है जो खुद चलकर वैक्सीनेशन केंद्र पर नहीं पहुंच सकते हैं। इसी तरह आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लोग ऑनलाइन प्रक्रिया से सहज नहीं है और वह वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन पंजीयन नहीं करा सकते हैं।
क्यों नहीं शुरू किया जाए घर-घर वैक्सीनेशन- हाई कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्यों ना घर-घर वैक्सीनेशन कार्यक्रम को सक्रिय रूप से शुरू किया जाए? क्योंकि कई वरिष्ठ नागरिक वैक्सीनेशन केंद्रों पर पहुंचने में असमर्थ हैं। कोर्ट ने कहा कि यदि केंद्र सरकार समय रहते ही घर-घर वैक्सीनेशन की शुरुआत करती तो अब तक कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी। ऐसे में केंद्र सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
हाई कोर्ट ने दोहराया 22 अप्रैल का आदेश
हाई कोर्ट ने अपने 22 अप्रैल को दिए गए आदेश को भी दोहराया, जिसमें केंद्र सरकार से घर-घर वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू करने के अपने फैसले पर विचार करने का कहा था। कोर्ट ने कहा कि उस आदेश को तीन सप्ताह का समय बीत चुका है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक अपने फैसले की जानकारी नहीं दी है। सरकार को इस पर एक तरह की सोच रखते हुए या फिर अन्य कारणों को ध्यान में रखते हुए निर्णय करना चाहिए।
कई देशों में हो चुकी है घर-घर वैक्सीनेशन की शुरूआत- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा, "कई देशों ने पहले ही घर-घर वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। भारत में हम कई चीजें देर से करते हैं। क्यों न घर-घर वैक्सीनेशन को भी शुरू किया जाए और वह भी तब जब वरिष्ठ नागरिकों के जीवन का सवाल है।"
हाई कोर्ट ने BMC से मांगा हलफनामा
हाई कोर्ट ने कहा कि मंगलवार को वरिष्ठ न्यायधीशों ने बृहन्मुम्बई नगर निगम (BMC) आयुक्त इकबाल चहल के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने अगले सप्ताह से वार्ड-वार वैक्सीनेशन शिविर शुरू करने की योजना बनाने तथा उसमें प्रतिदिन 70,000 लोगों को वैक्सीन लगाने की बात कही थी। यदि इस तरह के शिविर शुरू होते हैं तो वरिष्ठ लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। ऐसे में BMC को इस संबंध में 19 मई से पहले हलफनामा दाखिल करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने भी मांगा था घर-घर वैक्सीनेशन पर केंद्र से जवाब
बता दें कि घर-घर वैक्सीनेशन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी जनहित याचिका दायर हुई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा था। केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया था कि यदि घर पर वैक्सीन लगती है तो 30 मिनट का निगरानी के प्रोटोकॉल बनाए रखना संभव नहीं होगा। हर टीम के लिए वैक्सीन लगाने के बाद 30 मिनट से ज्यादा समय तक इंतजार करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 17,52,35,991 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 24,46,674 खुराकें लगाई गईं। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।
देश में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,48,421 नए मामले सामने आए और 4,205 मरीजों की मौत हुई। लगातार तीसरे दिन दैनिक मामलों में कमी देखी गई है। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,33,40,938 हो गई है। इनमें से 2,54,197 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या लगातार दूसरे दिन कम होकर 37,04,099 हो गई है।