
दिल्ली: 2015 में AAP को मिली थी जादुई जीत, जानिए पिछले पांच विधानसभा चुनावों के नतीजे
क्या है खबर?
दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं। 8 फरवरी को देश की राजधानी में वोट डाले जाएंगे और 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
इस बार मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच है। आम आदमी पार्टी ने 2015 में जादुई जीत हासिल करते हुए 70 में से 67 सीटें अपने नाम की थी।
इस बार फिर पार्टी अपनी वही कामयाबी दोहराना चाहेगी। वहीं भाजपा अपने प्रदर्शन में सुधार की कोशिश में लगी है।
जानकारी
क्या रहे हैं दिल्ली के पिछले पांच चुनावों के नतीजे
जनलोकपाल आंदोलन ने निकली आम आदमी पार्टी ने 2013 में कांग्रेस को हराकर दिल्ली की सत्ता हासिल की थी। इससे पहले 15 सालों तक दिल्ली पर कांग्रेस का राज था। आइये, दिल्ली के पिछले पांच विधानसभा चुनावों पर एक नजर डालते हैं।
1998 विधानसभा चुनाव
1998 में कांग्रेस के हाथ लगी बाजी
1998 से दिल्ली में कांग्रेस का राज शुरू हुआ, जो अगले 15 सालों तक चला। 1998 के विधानसभा चुनाव जीतकर शीला दीक्षित पहली बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं।
70 सीटों पर हुए चुनावों में कांग्रेस को 52 सीटेें मिलीं। दूसरे नंबर पर रही भाजपा के खाते में 15, जनता दल को एक और निर्दलीय उम्मीदवारों को दो सीटें मिलीं।
दीक्षित ने पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद संचार, परिवहन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर खासा जोर दिया।
जानकारी
2003 में जारी रहा कांग्रेस की जीत का सिलसिला
2003 के चुनावों जीतकर शीला दीक्षित लगातार दूसरी बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं। इन चुनावों में कांग्रेस की सीटें कम होकर 47 रहीं। फिर भी यह सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत था। भाजपा इन चुनावों में 20 सीटें लेकर दूसरे नंबर पर रही।
2008 विधानसभा चुनाव
दिल्ली में कांग्रेस की हैट्रिक
2008 में हैट्रिक लगाते हुए कांग्रेस ने लगातार दिल्ली की सत्ता हासिल की। 2008 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 42, भाजपा को 23, बसपा और अन्य को दो-दो सीटें मिलीं।
इन चुनावों में लगभग 62 लाख लोगों ने वोट डाला था। तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद शीला दीक्षित ने 'भागीदारी' योजना शुरू की थी। इसमें नागरिकों को प्रशासनिक गतिविधियों में भागीदार बनाया जाता था।
उनके इसी कार्यकाल में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए थे।
2013 विधानसभा चुनाव
2013 के चुनावों में भाजपा बनी थी सबसे बड़ी पार्टी
1998 से दिल्ली में चला आ रहा कांग्रेस का शासन 2013 में खत्म हो गया। यह आम आदमी पार्टी का पहला चुनाव था। इस चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन वह बहुमत से दूर रह गई।
इन चुनावों में भाजपा को 31, AAP को 28, कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं। चुनावों के बाद AAP ने कांग्रेस के बाहरी समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन 49 दिन बाद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
2015 विधानसभा चुनाव
2015 में AAP ने रचा था इतिहास
2015 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें अपने नाम की थी। दिल्ली विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार था जब किसी पार्टी को 67 सीटें मिली हो।
इन चुनावों में AAP को 54.3 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। दूसरे नंबर पर रही भारतीय जनता पार्टी को 32.3 प्रतिशत वोट मिले, लेकिन उसे केवल तीन सीटों से संतोष करना पड़ा।
दिल्ली में 15 साल सरकार चलाने वाली कांग्रेस इस बार अपना खाता भी नहीं खोल पाई।