दिल्ली की सड़कों पर फिर लौटेगा ऑड-ईवन, 4-15 नवंबर के बीच लागू होगा फॉर्मूला
दिल्ली की सड़कों पर एक बार फिर ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू होने जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में 4 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि नवंबर के महीने में दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली जलाई जाती है, जिसके धुएं की वजह से दिल्ली गैस चैंबर बन जाती है।
केंद्र और पंजाब के साथ मिलकर कर रहे प्रयास- केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण रोकने के लिए पंजाब और केंद्र सरकार के साथ मिलकर प्रयास कर रही है, लेकिन तब तक दिल्ली सरकार हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठ सकती।
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया ऐलान
दिल्ली में पहले भी कई बार लागू हो चुका है ऑड-ईवन
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में यह फॉर्मूला लागू होगा। पहले भी कई बार दिल्ली इन नियम को देख चुकी है। पहली बार इसे 1 जनवरी से 15 जनवरी 2016 तक लागू किया गया था। इसे लेकर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रिया रही थी।
क्या है ऑड-ईवन फॉर्मूला
गणित में 1,3,5,7 और 9 नंबर ऑड और 2,4,6,8 और 0 ईवन होते है। ऑड-ईवन फॉर्मूले के तहत अगर आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट का आखिरी नंबर ऑड है तो आप ऑड तारीखों को ही गाड़ी चला पाएंगे। इसी तरह अगर आपकी गाड़ी का आखिरी नंबर ईवन है तो आप महीने की ईवन तारीखों पर गाड़ी दिल्ली की सड़कों पर निकाल पाएंगे। ईवन डे पर चलने वाली ऑड नंबर की गाड़ियों का चालान होगा।
केजरीवाल ने मोटर वाहन अधिनियम की तारीफ की
केजरीवाल ने एक सितंबर से लागू हुए नए मोटर वाहन अधिनियम की तारीफ करते हुए कहा कि इससे काफी सुधार आया है और लोग जुर्माने से बचने के लिए नियमों का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस कानून पर नजर रख रही है। अगर भविष्य में लोगों को इस कानून से परेशानी होती है तो इसे कम करने के लिए कोई रास्ता निकाला जाएगा। बता दें कि कई राज्य इस कानून का विरोध कर रहे हैं।
प्रदूषण रोकने के लिए ये कदम उठाएगी दिल्ली सरकार
दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के लिए केजरीवाल ने लोगों से दीवाली पर पटाखे न चलाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार छोटी दीवाली के दिन लेजर शो कराएगी, जिसमें निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार N-95 मास्क बांटेगी। पर्यावरण मार्शलों की तैनाती की जाएगी, जो प्रदूषण फैलाने वाले लोगों पर निगाह रखेंगे। साथ ही लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।