अलका लांबा ने दिया AAP से इस्तीफा, कांग्रेस में हो सकती हैं शामिल
चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अब AAP को अलविदा कहने का वक्त आ गया है। लांबा का पिछले काफी समय से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ टकराव चल रहा था और उन्हें पार्टी में किनारे कर दिया गया था। उन्होंने मई में ही 2020 में AAP छोड़ने का ऐलान कर दिया था। लांबा अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं।
अलका ने कहा- पिछले छह सालों में काफी कुछ सीखा
अलका लांबा ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा, 'AAP को अलविदा कहने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का वक्त आ गया है। पिछले छह साल मेरे लिए बहुत कुछ सिखाने वाले थे। सभी को धन्यवाद। जय हिंद।'
'आम आदमी पार्टी से खास आदमी पार्टी बन गई है AAP'
अलका लांबा ने अपने ट्वीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने लिखा, 'अरविंद केजरीवाल जी, आपकी इच्छा से आपके प्रवक्ताओं ने पूरे घमंड में कहा था कि पार्टी मेरा इस्तीफा ट्विटर पर भी स्वीकार कर लेगी। इसलिए कृपया "आम आदमी पार्टी", जो अब "खास आदमी पार्टी" बन चुकी है, से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।' बता दें कि लांबा का टकराव सीधे तौर पर केजरीवाल से ही रहा था।
इस वजह से शुरू हुआ अलका लांबा और AAP का टकराव
पिछले साल दिसंबर दिल्ली विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने से संबंधित प्रस्ताव के पेश होने के बाद से ही अलका और AAP शीर्ष नेतृत्व में मतभेद चल रहे हैं। अलका ने कहा था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री का सम्मान करती हैं और इसलिए उन्होंने प्रस्ताव का विरोध किया था। बिना पार्टी लाइन जानें मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करने के लिए पार्टी ने अलका पर पाबंदी लगा दी थी।
मई में ही कर दिया था 2020 में AAP छोड़ने का ऐलान
घटना के बाद अलका लांबा को दो बार AAP विधायकों के व्हाट्सऐप ग्रुप से निकाल दिया गया और उन्हें पार्टी में किनारे कर दिया गया। इस लंबे चले टकराव के बाद लांबा ने 26 मई को 2020 में AAP छोड़ने का ऐलान किया था। अपने इस ऐलान से पहले लांबा ने अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस में वापस जाने की इच्छा भी जताई थी। तब उनके कांग्रेस के कुछ नेताओं से मिलने की खबरें भी सामने आईं थीं।
कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं लांबा
बता दें कि अलका लांबा ने 1994 में छात्र नेता के तौर पर कांग्रेस से शुरूआत की थी। इसके बाद वह 2002 में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव बनीं। AAP के उभार के बाद 2013 में उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था और 2015 में चांदनी चौक से विधायक चुनी गईं। वह मंगलवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलीं थीं, इसलिए अब इस्तीफे के बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।