दिल्ली विधानसभा चुनाव: भाजपा ने जारी की पहली सूची, अरविंद केजरीवाल को चुनौती देंगे प्रवेश वर्मा
क्या है खबर?
दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इसमें 29 उम्मीदवारों के नाम हैं।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवेश वर्मा को टिकट दिया गया है।
वहीं, मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ रमेश बिधूड़ी को चुनावी मैदान में उतारा गया है।
बता दें कि दिल्ली में अगले महीने विधानसभा चुनाव होना है। तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है।
टिकट
किसे-कहां से मिला टिकट?
मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ रमेश बिधूड़ी को टिकट मिला है। दक्षिणी दिल्ली से सांसद रहे बिधूड़ी का लोकसभा चुनावों में टिकट काट दिया गया था।
वहीं, करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत, आदर्श नगर से राजकुमार भाटिया, गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली को उमीदवार बनाया है।
गहलोत ने करीब एक महीने पहले AAP का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था।
टिकट कटा
16 सीटों पर बदले गए उम्मीदवार
भाजपा ने पहली सूची में 16 सीटों पर उम्मीदवार बदले दिए हैं, जबकि 13 पर मौजूदा विधायकों पर भरोसा जताया गया है। वहीं, 3 मौजूदा विधायकों की सीटों पर अभी तक नामों का ऐलान नहीं हुआ है।
पहली सूची में 2 महिलाओं को टिकट मिला है। शालीमार बाग से रेखा गुप्ता और सीमापुरी से कुमारी रिंकू को टिकट दिया गया है।
अनुसूचित जाति (SC) आरक्षित 5 सीटों पर भी उम्मीदवार घोषित किए गए हैं।
AAP
सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है AAP
विधानसभा चुनाव के लिए AAP ने 4 सूचियों में सभी 70 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है।
केजरीवाल नई दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे तो आतिशी को कालकाजी से उम्मीदवार बनाया गया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीट पटपड़गंज से बदलकर जंगपुरा की गई है।
इसके अलावा सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश, सत्येंद्र जैन शकूर बस्ती से चुनाव लड़ेंगे।
पार्टी ने 26 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं और 4 विधायकों की सीट बदली है।
चुनाव
दिल्ली में कब होना है विधानसभा चुनाव?
दिल्ली में फरवरी, 2025 में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द हो सकता है।
दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी, 2025 को खत्म हो रहा है।
दिल्ली में 2020 में हुए आखिरी विधानसभा चुनाव में AAP ने पूर्ण बहुमत हासिल करते हुए 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी।
वहीं, भाजपा को 8 और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी।