मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की डिनर पार्टी में परोसा गया जंगली मुर्गा, मचा बवाल
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की एक डिनर पार्टी में जंगली मुर्गा परोसे जाने को लेकर सियाली बवाल मच गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री सक्खू ने इसका सेवन नहीं किया, लेकिन भाजपा ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर डालकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इसका कारण है कि जंगली मुर्गा हिमाचल की संरक्षित प्रजाति है और इसका शिकार करना प्रतिबंधित है। इधर, मुख्यमंत्री सक्खू ने इस पूरे मामले को उन्हें बदनाम करने की साजिश बताया है।
क्या है पूरा मामला?
मुख्यमंत्री सुक्खू 'सरकार जनता के द्वार' कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को शिमला के दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र कुपवी पहुंचे थे और टिकरी में रात्रि विश्राम किया था। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल, अधिकारी और पार्टी के स्थानीय नेता भी मौजूद थे। रात्रि ठहराव के दौरान डिनर पार्टी में सभी को जंगली मुर्गा, सिड्डू, बिच्छू बूटी और मकई व गेहूं की रोटियां जैसे स्थानीय व्यंजन परोसे गए थे। अब जंगली मुर्गे को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है।
हिमाचल में कानूनन अपराध है जंगली मुर्गे का शिकार
डिनर पार्टी में जंगल मुर्गा परोसे जाने को लेकर विवाद के पीछे प्रमुख कारण यह है कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत जंगली मुर्गे का शिकार प्रतिबंधित है। हिमाचल में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जंगली मुर्गा पाया जाता है और इसका शिकार कानूनन अपराध है। हालांकि, डिनर पार्टी में मुख्यमंत्री सक्खू और स्वास्थ्य मंत्री सहित अन्य ने जंगली मुर्गा खाने से इनकार कर दिया था, लेकिन इसका मेन्यू में होना मुख्यमंत्री के लिए परेशानी का कारण बन गया।
यहां देखें वीडियो
भाजपा ने मुख्यमंत्री सक्खू पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, 'जनता के घर द्वार जाकर लोगों की समस्याओं के निराकरण करने की हमारी योजना 'जनमंच' के फुलके जिन्हें खल रहे थे वह आज गांव-गांव जाकर पिकनिक मना रहे हैं। संरक्षित प्रजाति का जंगली मुर्गा खाने वालों को जेल होती है जुर्माना होता है, लेकिन मुख्यमंत्री महोदय मुर्गा खिलाने का पहले मेन्यू छपवाते हैं और फिर चटखारे लेकर खिलाते हैं। क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है?'
मुख्यमंत्री सक्खू ने क्या दी सफाई?
इस पूरे विवाद पर मुख्यमंत्री सक्खू ने कहा, "स्वास्थ्य कारणों से मैं तेलयुक्त व्यंजन और नॉनवेज दोनों से परहेज़ करता हूं।जयरामजी को कोई मुद्दा नहीं मिला तो उन्होंने ग्रामीणों को बदनाम करने का रास्ता चुन लिया।" उन्होंने कहा, "ग्रामीणों ने देसी मुर्गा बनाया था, लेकिन हम खाते नहीं है। नॉनवेज भोजन पहाड़ के जीवन का अहम हिस्सा है और जयराम जी इस पर बयान दे रहे हैं। यह बताता है कि विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है।"