कोरोना वायरस: मौतों के मातम के बीच केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की "तू-तू मैं-मैं" जारी
पूरा देश इस समय कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है। हर कोई इस महामारी के जल्दी खत्म होने की दुआ कर रहा है। वहीं, दूसरी और प्रतिदिन हो रही मौतों के मातम के बीच केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। संकट की इस घड़ी में भी दोनों एकजुट होकर काम करने की जगह एक-दूसरे पर आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
अमित शाह ने लगाया प्रवासी मजदूरों की ट्रेनों को राज्य में नहीं घुसने देने का आरोप
ताजा मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए बेचैन हैं और केंद्र सरकार ट्रेन सेवाओं की सुविधा दे रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार से उम्मीद के मुताबिक सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार ट्रेनों को राज्य में आने की अनुमति नहीं दे रही है। यह प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है।
TMC नेता अभिषेक बनर्जी ने गृहमंत्री को दी चुनौती
गृहमंत्री के इन आरोपों के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि गृहमंत्री इस संकट काल में अपना काम करने में नाकाम रहे हैं और अब हफ्तों की चुप्पी के बाद झूठ बोलकर सिर्फ लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह ऐसे लोगों के बारे में बात कर रहे है जिन्हें उन्हीं की सरकार ने किस्मत के भरोसे छोड़ दिया। उन्होंने शाह से आरोप साबित करने या माफी मांगने की बात कही।
केंद्र और बंगाल सरकार में राज्य में रेड जोन को लेकर भी सहमति नहीं
इससे पहले गत 30 अप्रैल को केंद्र सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल में 10 रेड जोन बनाए जाने पर राज्य सरकार ने सवाल खड़े कर दिए थे। राज्य के मुख्य स्वास्थ्य सचिव विवेक कुमार ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में केवल चार ही रेड जोन है, लेकिन केंद्र ने यहां 10 रेड जोन बताए हैं। उन्होंने केंद्र से अपनी गाइडलाइन में सुधार करने की अपील की थी।
केंद्र सरकार ने इन इलाकों को किया रेड जोन में शामिल
केंद्र सरकार द्वारा कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना, पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, पशिम मेदिनीपुर, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग और मालदाह को रेड जोन में शामिल किया था, लेकिन राज्य सरकार ने कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना, पूर्वी मेदिनीपुर को ही रेड जोना माना था।
केंद्र ने लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन को लेकर राज्य को लगाई थी फटकार
इससे पहले केंद्र और बंगाल सरकार के बीच लॉकडाउन के नियमों को लेकर भी तरकार हुई थी। केंद्र के आदेश के बाद भी राज्य में लॉकडाउन की सख्ती से पालना नहीं की गई। इसके अलावा सब्जी, मछली और मांस मंडियों में इतनी ढील दी गई कि लोग सोशल डिस्टैंसिंग का भी पालन नहीं कर रहे थे। गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर फटकार लगाई थी और लॉकडाउन नियमों की सख्ती से पालना कराने को कहा था।
फूल मंडी को लेकर ममता सरकार पर बरसे थे बाबुल सुप्रीयो
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लॉकडाउन के बीच बंगाल के फूल बाजार को खोलने की अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की थी और दावा किया कि सरकार के इस कदम से लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
कोरोना रिपोर्ट की गड़बड़ी को लेकर भी हो चुकी है तकरार
केंद्र और राज्य के बीच संक्रमण से मौतों की रिपोर्ट पर भी तकरार हो चुकी है। केंद्र का कहना था कि सरकार मौतों की सही रिपोर्ट नहीं दे रही है। इसी तरह बंगाल सरकार का कहना था कि केंद्र एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद केंद्र सरकार ने कहा था कि राज्य के अधिकारी आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं और राज्य पर्याप्त जांच और हॉटस्पॉट की पहचान करने में विफल है।
मॉनिटरिंग टीम भेजने को लेकर भी हो चुका है विवाद
केंद्र और बंगाल सरकार के बीच कोरोना वायरस की स्थिति का आंकलन करने के लिए गठित की गई 6 अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय मॉनिटरिंग टीमों को लेकर भी विवाद हो चुका है। राज्य सरकार का आरोप था कि केंद्र गैर भाजपा राज्यों में टीम भेज रहा है और इसकी समय पर सूचना भी नहीं दी जा रही है। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार केंद्रीय टीमों को अपना काम नहीं करने दे रही है।
क्यों नहीं कर सकते एकजुट होकर काम?
जब पूरी दुनिया के देश इस महामारी से मुकाबला करने के लिए एकजुट हो रहे हैं तो यहां बड़ा सवाल यह उठता है। क्या केंद्र और बंगाल सरकार सभी गिले सिकवे भुलाकर और "तू-तू मैं-मैं" छोड़कर इस महामारी का डटकर मुकाबला नहीं कर सकते हैं?
भारत और पश्चिम बंगाल में यह है संक्रमण की स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में पिछले 24 घंटों में सामने आए 3,320 नए मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या 59,662 हो गई है। इसी तरह 95 नई मौतों के साथ मृतकों की कुल संख्या 1,981 पर पहुंच गई है। देश में अब तक कुल 17,847 लोग इससे ठीक हो चुके हैं। इसी प्रकार पश्चिम बंगाल में 108 नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 1,786 हो गई है, जबकि अब तक 99 लोगों की मौत हो चुकी है।