कोलकाता लगातार दूसरी बार बना देश का सबसे सुरक्षित शहर
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव से अब तक भले ही जमकर झड़पें हुई हो, लेकिन वहां की राजधानी कोलकाता लगातार दूसरी बार देश का सबसे सुरक्षित शहर बनकर सामने आया है। यह हम नहीं बल्कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी किए गए आंकड़े बोल रहे हैं। कोलकाता गंभीर अपराधों में प्रति लाख लोगों पर 152.2 की दर के साथ सुरक्षित शहरों की सूची में पहले पायदान पर है। उसके बाद हैदराबाद, पुणे और मुंबई है।
इस मामले में एक पायदान नीचे आया कोलकाता
सबसे सुरक्षित शहरों की श्रेणी में कोलकाता भले ही पहले पायदान पर हो, लेकिन भारतीय दंड संहिता के तहत आने वाले अपराधों में वह दूसरे स्थान पर खिसक गया है। देश के महानगरों सहित 19 बड़े शहरों के बीच कोयम्बटूर ने प्रति लाख आबादी पर 134.4 की दर हासिल कर कोलकाता 139.5 को पछाड़ दिया है। यह आंकड़ा 478.4 के राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। इस मामले में वर्ष 2017 की राष्ट्रीय औसत दर 462.2 थी।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में आई कमी
पश्चिम बंगाल के असम, त्रिपुरा और हरियाणा के बाद चौथा सबसे हिंसक अपराध प्रवृत्त माना जाता था, क्योंकि यहां की अपराध 46.1 से अधिक है। इसके बाद भी यहां महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी आई है। दुष्कर्म के मामलों में यह 10वें स्थान पर है और दहेज हत्या के मामले में पहली बार शीर्ष तीन से बाहर हुआ है। शहर में महिला अपराधों की संख्या 2017 के 32,513 मामलों की तुलना में 30,394 पर आ गई है।
गत पांच साल से लगातार कम हो रही है शहर की अपराध दर
NCRB के रिकॉर्ड के अनुसार कोलाकाता में पिछले पांच सालों से लगातार अपराध का ग्राफ गिर रहा है। शहर में 2014 में कुल 26,161 अपराध कारित हुए थे जो 2018 में 25% घटकर 19,682 पर आ गया। शहर में हत्या के 55 तो हत्या के प्रयास के 143 मामले दर्ज हुए हैं। मुम्बई में 164 हत्या व 280 हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हुए हैं। रेप की बात करें तो कोलकाता में 2018 में 14 मामले हुए हैं।
चोट कारित करने वाले अपराधों में हुआ इजाफा
कोलकाता भले ही हत्या, रेप व हत्या के प्रयास के मामलों में पीछे रहा हो, लेकिन चोट कारित करने वाले अपराधों में यह दिल्ली से भी आगे रहा है। इस मामले में जहां दिल्ली में 4,460 व बेंगलुरु में 3,560 मामले दर्ज हुए हैं, वहीं कोलकाता में यह संख्या 6,439 मामलों पर पहुंची है। इसके अलावा तेजाब से हमलों के मामले में भी कोलकाता दो हमलों के साथ तीसरे स्थान पर है। पहले दो पायदानों पर दिल्ली व चेन्नई है।
जनता के बीच बढ़ा पुलिस का विश्वास
कोलकाता पुलिस कमिश्नर अनुज शर्मा ने कहा, "बुनियादी ढांचे और अतिरिक्त श्रमशक्ति बढ़ाने, नए पुलिस स्टेशन खोलने व तकनीकी क्षेत्र पर सरकार का ध्यान केन्दि्रत किया गया है। विभिन्न सामुदायिक कार्यक्रमों से लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। इससे शहर में बेहतर पुलिसिंग हुई है। इसके कारण ही शहर में अपराधों का ग्राफ लगातार कम हो रहा है। महिला अपराधों पर पुलिस की विशेष नजर रही है और इसमें पुलिस को सफलता भी मिली है।"