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गोदामों में पड़े अतिरिक्त चावल के जरिए हैंड सैनिटाइजर्स बनाएगी केंद्र सरकार

गोदामों में पड़े अतिरिक्त चावल के जरिए हैंड सैनिटाइजर्स बनाएगी केंद्र सरकार

Apr 20, 2020
09:12 pm

क्या है खबर?

हैंड सैनिटाइजर्स की सप्लाई को बनाए रखने के लिए सरकारी गोदामों में पड़े अतिरिक्त चावलों का प्रयोग इथेनॉल बनाने के लिए किया जाएगा। इथेनॉल की मदद से ही हैंड सैनिटाइजर्स बनाए जाते हैं। केंद्र सरकार ने आज इस संबंध में फैसला लिया। सरकार के ये फैसला विवादों का केंद्र बन सकता है, विशेषकर ये देखते हुए कि देशभर में लाखों प्रवासी और दैनिक मजदूर भुखमरी की कगार पर हैं और उन तक राशन नहीं पहुंच पा रहा है।

फैसला

पेट्रोलियम मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया फैसला

अतिरिक्त अनाज के प्रयोग से इथेनॉल बनाने की मंजूरी देने वाली नेशनल पॉलिसी ऑन बायोफ्यूल्स, 2018 का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई नेशनल बायोफ्यूल कॉर्डिनेशन कमिटी (NBCC) की बैठक में ये फैसला लिया गया। सरकारी बयान में कहा गया है, "इस बात की मंजूरी दी गई कि भारतीय खाद्य निगम के पास उपलब्ध सरप्लस चावल को एल्कोहॉल के हैंथ सैनिटाइजर्स बनाने के लिए इथेनॉल में बदला जा सकता है।"

जानकारी

क्या कहती है नेशनल पॉलिसी ऑन बायोफ्यूल्स?

नेशनल पॉलिसी ऑन बायोफ्यूल्स के अनुसार, जिस साल कृषि मंत्रालय के अनुमान से अधिक अनाज की पैदावर होती है, उस साल इन अतिरिक्त अनाज का प्रयोग NBCC की मंजूरी के बाद इथेनॉल बनाने के लिए किया जा सकता है।

भंडार

सरकारी गोदामों में कितना भंडार?

बता दें कि भारत के पास अनाज का बहुत अधिक भंडार है। एक मार्च तक भारतीय खाद्य निगम (FCI) और अन्य सरकारी एजेंसियों के गोदामों में पांच करोड़ टन चावल और 2.75 करोड़ टन गेंहू का भंडार था। इसके अलावा नाफेड के पास 25-28 लाख टन दालों का भंडार मौजूद है। इनमें चना, उड़द और मूंग की दाल शामिल हैं। नाफेड के पास सात लाख टन मूंगफली और सरसों भी है।

कमियां

कई वजहों से मजदूरों तक नहीं पहुंच रही सरकार द्वारा दी जा रही राहतें

सरकारी की ओर से ये फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब देशभर में लाखों दैनिक मजदूर लॉकडाउन के कारण खाने के लिए पूरी तरह से सरकार पर आश्रित हैं। सरकार ने उन्हें पांच किलो चावल या गेंहू अतिरिक्त देने का ऐलान भी किया है, लेकिन तमाम व्यवधानों की वजह से लाखों प्रवासी मजूदरों को तक ये राहत नहीं पहुंच पा रही है। एक अनुमान के मुताबिक, लगभग पांच करोड़ प्रवासी मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है।

कोरोना का कहर

भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?

भारत में सोमवार तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 17,656 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 559 लोगों की मौत हुई है, वहीं 2,842 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और यहां अब तक 4,203 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 223 को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है। दिल्ली में ये आंकड़े 2,003 और 45 हैं।