त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब के खिलाफ भाजपा विधायकों की बगावत, दिल्ली में डाला डेरा
क्या है खबर?
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब के खिलाफ भाजपा के विधायकों ने बगावत कर दी है। लगभग एक दर्जन विधायकों का एक धड़ा अपने शिकायतें लेकर दिल्ली पहुंच गया है और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलने की कोशिश कर रहा है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व वाले इस समूह ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष से मिलने का समय मांगा है। बागियों ने बिप्लब पर कमजोर नेतृत्व और कुशासन का आरोप लगाया है।
बयान
बिप्लब देब के व्यवहार से अलोकप्रिय बन रही पार्टी- बागी विधायक
दिल्ली के त्रिपुरा भवन में ठहरे बागियों में शामिल एक विधायक ने NDTV से बात करते हुए कहा, "हम लगभग 12 विधायक हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री के कुशासन और पूर्ण तानाशाही के बारे में पार्टी नेतृत्व को बताने का फैसला लिया है, जिससे पार्टी बहुत अलोकप्रिय बन रही है।"
उन्होंने कहा, "हम राष्ट्रीय नेतृत्व को बताना चाहते हैं कि हम सभी पार्टी के प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हैं और चाहेंगे कि भाजपा राज्य में एक बार से ज्यादा सत्ता में आए।"
आरोप
बागियों का आरोप- बिप्लब के बयानों से कांग्रेस और वाम दल हो रहे मजबूत
बिप्लब के व्यवहार के नकारात्मक प्रभावों के बारे में चेताते हुए बागी विधायक ने कहा, "अगर मौजूदा नेतृत्व बरकरार रहता है तो वाम दल और कांग्रेस जैसे विरोधी अपनी खोई जमीन वापस पाने में कामयाब रहेंगे। कई मुद्दों पर अपने सतही बयानों से मुख्यमंत्री पहले ही कई बार पार्टी को शर्मिंदा कर चुके हैं।"
राज्य में कोविड प्रबंधन के इंतजाम बेहद खराब होने का आरोप लगाते हुए बागियों ने कहा कि राज्य में कोई स्थायी स्वास्थ्य मंत्री तक नहीं है।
तानाशाही
मुख्यमंत्री के तानाशाही के कारण राज्य छोड़ रहे IAS और IPS- बागी
बागियों ने बिप्लब के तानाशाह रवैये के कारण भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी सेवाएं छोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, "अनुभवी IAS और IPS अधिकारी या तो डेपुटेशन या फिर स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेकर राज्य छोड़कर जा रहे हैं क्योंकि वे मुख्यमंत्री के तानाशाही रवैये को सहने में असमर्थ हैं। वे मीडिया तक को धमका चुके हैं जिसके कारण पत्रकारों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।"
जानकारी
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलने की कोशिश भी कर सकते हैं बागी
बागी विधायक ने ये भी कहा कि वे गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "ज्यादातर विधायक नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं।"
प्रतिक्रिया
बिप्लब देब के खेमे ने कहा- कांग्रेस से आए सात-आठ विधायक कर रहे बगावत
वहीं बिप्लब देब के एक करीबी सहयोगी ने कहा है कि बगावत उतनी नहीं है, जितना बताया जा रहा है। उन्होंने कहा, "ऐसे सात-आठ विधायक हैं जो राज्य में सरकार के सुचारू कामकाज में रुकावट पैदा करना चाहते हैं। इनमें से ज्यादातर कांग्रेस से आए लोग हैं।"
उन्होंने कहा कि भाजपा के पुराने नेता और पार्टी के ज्यादातर कार्यकर्ता अलग-अलग स्तर पर बिप्लब देब के नेतृत्व पर पूर्ण भरोसा जाहिर कर चुके हैं।
जानकारी
2018 में पहली बार राज्य की सत्ता में आई थी भाजपा
बता दें कि 2018 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज भाजपा ने वामपंथी पार्टियों के 25 साल पुराने शासन को उखाड़ फेंका था। 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 36 सीटें मिली थीं और उसने पहली बार राज्य में सरकार बनाई थी।