सरकारी जॉब पोर्टल पर 40 दिन में 69 लाख ने मांगी नौकरी, केवल 7,700 को मिली
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लागू किए लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी इस स्तर पर पहुंच चुकी है कि अब सरकार भी बेरोजगारों की मदद नहीं कर पा रही है।
बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने के लिए गत 11 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किए गए आत्मनिर्भर स्किल्ड इंप्लॉय इंप्लॉयर मैपिंग (ASEEM) पोर्टल पर पिछले 40 दिनों में 69 लाख लोगों ने पंजीयन कराया, लेकिन रोजगार महज 7,700 को ही मिल सका है।
ऑफर
दो प्रतिशत को मिला ऑफर, लेकिन 7,700 ने ही किया ज्वॉइन
न्यूज 18 के अनुसार ASEEM पोर्टल पर 40 दिनों में पंजीयन करने वाले 69 लाख बेरोजगारों में से कंपनियों ने दो प्रतिशत यानी 1.49 लाख को रोजगार की पेशकश की थी, लेकिन कोरोना काल की वजह से सिर्फ 7,700 ही ज्वाइन कर पाए।
इसी तरह 14 से 21 अगस्त के सप्ताह में इस पोर्टल पर सात लाख से अधिक लोगों ने पंजीयन कराया था, लेकिन रोजगार महज 691 को मिला, अर्थात एक नौकरी के लिए 1,000 आवेदक हैं।
बढ़ोतरी
ASEEM पोर्टल एक सप्ताह में 80 प्रतिशत बढ़ी प्रवासी बेरोजगारों की संख्या
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अनुसार पोर्टल पर 21 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में बेरोजगार प्रवासी मजूदरों की संख्या में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी (2.97 लाख से 3.78 लाख) हुई है।
हालांकि, इस दौरान रोजगार पाने वालों की संख्या में 9.87 प्रतिशत (7,009 से 7,700) का ही इजाफा हुआ है।
इसी तरह इस सप्ताह में कुल बेरोजगारों की संख्या में 11.98 प्रतिशत (61.67 से 69 लाख) की बढ़ोतरी हुई है।
जानकारी
सभी के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है रोजगार
मंत्रालय के अनुसार पोर्टल सिर्फ प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया नहीं कराया जा रहा, बल्कि स्व-नियोजित दर्जी, इलेक्ट्रीशियन, फील्ड-तकनीशियन, सिलाई मशीन ऑपरेटर, कूरियर डिलीवरी अधिकारी, नर्स, लेखा अधिकारी, मैनुअल क्लीनर और बिक्री सहयोगी आदि को भी रोजगार के अवसर प्रादन किए जा रहे हैं।
किल्लत
पांच राज्यों में सबसे अधिक है श्रमिकों की किल्लत
मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु राज्यों में श्रमिकों की सबसे ज्यादा किल्लत है।
लॉकडाउन में इन्हीं राज्यों से सबसे अधिक प्रवासी मजदूर वापस लौटे थे। यही कारण है कि पोर्टल पर मौजूद कुल नौकरियों में से 77 प्रतिशत इन्हीं राज्यों के लिए हैं।
प्रवासी मजदूरों के अब फिर से रोजगार की तलाश करने के कारण ही पोर्टल पर अचानक बेरोजगारों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
निशाना
राहुल गांधी ने सरकार पर साध निशाना
आवेदकों की तुलना में बहुत कम लोगों को रोजगार मुहैया कराए जाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट किया, '1 नौकरी, 1,000 बेरोजगार...क्या कर दिया देश का हाल'।
इस ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने एक न्यूज रिपोर्ट भी शेयर की है।
इससे पहले भी राहुल सरकार पर निशाना साध चुके हैं। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि 'पिछले 4 महीनों में करीब 2 करोड़ की नौकरी गई हैं।'
ASEEM
क्या है ASEEM पोर्टल और कैसे करता है काम?
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने विभिन्न क्षेत्रों में कुशल कर्मचारियों की मांग-आपूर्ति के बीच अंतर को कम करने के लिए ASEEM पोर्टल लॉन्च किया है।
इस पोर्टल का उद्येश्य कोरोना महामारी में घर लौटे कुशल और अकुशल श्रमिकों को फिर से रोजगार मुहैया कराना है। इस पोर्टल पर रोजगार प्रदाता और बेरोजगार दोनों हैं।
वर्तमान में पोर्टल पर 514 कंपनियां रजिस्टर हैं। इनमें से 443 ने 2.92 लाख जॉब्स पोस्ट की हैं और 1.49 लाख ऑफर की है।
प्रक्रिया
इस तरह से मिलती है ASEEM पोर्टल पर नौकरी
ASEEM के तहत सरकार ने छह राज्यों के 116 जिलों की पहचान की है। इन जिलों में करीब 67 लाख प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं।
इस पोर्टल पर पंजीयन के लिए आपको वेबसाइट पर जाकर यूजर अकाउंट बनाना होगा।
इसमें आपको शैक्षिक योग्यता, अनुभव और पिछली नौकरी की जानकारी देनी होगी।
इससे आपका डाटा पोर्टल पर सेव हो जाएगा। इसके बाद कंपनियां जरूरत के हिसाब से आपसे संपर्क कर नौकरी का ऑफर देगी।