केंद्र और केजरीवाल सरकार के मतभेदों की बीच कोरोना वायरस से कैसे लड़ रही है दिल्ली?
देश में अनलॉक 1 के लागू होने के बाद से दिल्ली में बड़ी तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। वर्तमान में यहां संक्रमितों की संख्या 70,390 पर पहुंच गई है। इस आंकड़े ने केंद्र और दिल्ली सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है। हालांकि, कोरोना प्रबंधन को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच मतभेद चल रहे हैं। ऐसे में दो करोड़ दिल्लीवासी दोनों सरकारों की अलग-अलग नीतियों के बीच पिसते नजर आ रहे हैं।
बैठक में साथ, लेकिन नीतियों को लेकर है विरोध
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब सामने आए कुल संक्रमितों मे से 70 प्रतिशत जून में बढ़े हैं। इसको देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बागडोर संभाली है। वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल के साथ बैठक कर कोरोना से निपटने की योजना बना रहे हैं, लेकिन केजरीवाल केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हैं तो केंद्र सरकार केजरीवाल की नीतियों के खिलाफ चल रही है। इससे लोगों के सामने असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
होम आइसोलेशन के नियमों को लेकर चल रहा ताजा विवाद
दिल्ली में केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच ताजा विवाद होम आइसोलेशन को लेकर चल रहा है। गत शनिवार को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) के अध्यक्ष और उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सभी कोरोना संक्रमितों को इलाज और बीमारी की गंभीरता के मूल्यांकन के लिए कोरोना केयर सेंटर भेजने का आदेश दिया था। वहां क्लीनिकल और घर की स्थिति के मूल्यांकन के बाद ही उन्हें होम आइसोलेशन का सुविधा देने का निर्णय किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर जताया विरोध
इस ममले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर विरोध जताया है और आदेश वापस लेने की अपील की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि नए आदेशों से लोगों में अफरातफरी मची हुई है। नए आदेश की वजह से एंबुलेंस का सिस्टम दबाव में है। मरीजों को बसों में ले जाना पड़ रहा है। एम्बुलेंस की सबसे अधिक जरूरत गंभीर मरीजों को है, लेकिन इस आदेश से उन्हें परेशानी हो रही है।
क्वारंटाइन सेंटर पर जांच किए जाने को लेकर चल रहा विरोध
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से क्वारंटाइन सेंटरों पर ही जांच किए जाने को लेकर भी दिल्ली सरकार विरोध कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब सभी लोगों की जांच क्वारंटाइन सेंटर पर की जाएगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर आदेश वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस आदेश से बीमार मरीजों को घंटो लाइनों में लगना पड़ेगा।
उपराज्यपाल के अनिवार्य क्वारंटाइन आदेश पर भी जताया था विरोध
केजरीवाल सरकार ने गत गुरुवार को उपराज्यपाल की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों को पांच दिन अनिवार्य रूप से संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में रखने का आदेश दिया था। इसका भी मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कड़ा विरोध किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस आदेश से दिल्ली के अस्पतालों में बेडों की कमी आ जाएगी और लोग जांच नहीं कराएंगे। बाद में उपराज्यपाल को अपना आदेश वापस लेना पड़ा था।
केजरीवाल ने कही थी कोरोना से चार कदम आगे होने की बात
केंद्र सरकार की ओर से दिए गए अधिक जांच कराने और लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के आदेशों पर भी मुख्यमंत्री केजरीवाल ने विशेष ध्यान नहीं दिया। उन्होंने गत 29 मई को बयान दिया था कि दिल्ली में कोरोना की स्थिति गंभीर नहीं है और सरकार कोरोना से चार कदम आगे चल रही है। इसके बाद 15 जून को उन्होंने बयान बदलते हुए कहा कि स्थिति भयानक है और जुलाई तक 5.5 लाख केस हो सकते हैं।
केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित किए अस्पताल
दिल्ली में बढ़ते मामलों को देखकर गत 6 जून को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में बाहरी राज्यों के मरीजों के इलाज पर रोक लगा दी। इस आदेश को लेकर सभी जगह कड़ा विरोध किया गया था। बाद में उपराज्यपाल ने उस आदेश को रद्द कर दिया। हालांकि, केजरीवाल ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन तीन दिन बाद उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने उपराज्यपाल के आदेश को दिल्ली पर संकट पैदा करने वाला बताया था।
आवश्यकता से अधिक दी लॉकडाउन में ढील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अनलॉक 1 की घोषणा की तो उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों को हालातों के अनुसार छूट देने की बात कही थी। उस दौरान दिल्ली में मामले तेजी से बढ़ रहे थे। उसके बाद भी मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बहुत अधिक ढील दे दी।
केजरीवाल ने जोन विभाजन को लेकर भी किया था विरोध
लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने पूरे देश को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में विभाजित किया था। इसमें सबसे अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों को रेड जोन में लिया गया था। दिल्ली में तेजी से बढ़ते मामलों को देखकर उसे रेड जोन में शामिल किया गया तो मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस का विरोध कर दिया। इसके पीछे कारण यह था कि वह ऑड और ईवन के आधार पर दिल्ली के बाजारों को खोलना चाहते थे। उसके बाद संक्रमण बढ़ता गया।
भारत और दिल्ली में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 15,968 नए मामले सामने आए और 465 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। ये अब तक एक दिन में सामने आए सबसे अधिक नए मामले हैं। इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 4,56,183 हो गई है, वहीं 14,476 की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या 1,83,022 है। दिल्ली में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 70,390 हो गई है और इनमें से 2,365 लोगों की मौत हो चुकी है।