पहले दिन गृह मंत्री अमित शाह ने की कई बैठकें, देश की सुरक्षा को बताया प्राथमिकता
देश के नए गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को अपना पदभार संभालने के बाद कई बैठकें की और राष्ट्रीय सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बताया। शाह ने इस दौरान कई राज्यों के राज्यपालों से मुलाकात की, जिनमें जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी शामिल थे। मलिक ने उन्हें राज्य में सुरक्षा स्थिति और अमरनाथ यात्रा के लिए हो रही तैयारियों के बारे में सूचित किया। बता दें कि कश्मीर और असम को शाह की मुख्य प्राथमिकता बताया जा रहा है।
गृह मंत्री बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहा
इससे पहले पद संभालते हुए शाह ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहा और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता बताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "आज भारत के गृह मंत्री के रूप में पदभार संभाला। मुझ पर विश्वास प्रकट करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूं। देश की सुरक्षा और देशवासियों का कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, मोदी जी के नेतृत्व मैं इसको पूर्ण करने का हर सम्भव प्रयास करूंगा।"
अमित शाह ने संभाला गृह मंत्री का पद
इन लोगों से की शाह ने मुलाकात
अमित शाह करीब 12:15 बजे गृह मंत्रालय पहुंचे जहां गृह सचिव राजीव गौबा और इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख राजीव जैन ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उनकी बैठकों का दौर शुरू हुआ। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मलिक के अलावा केरल और महाराष्ट्र के राज्यपालों से भी मुलाकात की। वह पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी मिले। शाह ने अपनी पार्टी के महासचिव पी मुरलीधर राव से भी मुलाकात की।
गृह सचिव और उनकी टीम के साथ भी हुई बैठक
वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कहते हुए शाह ने मंत्रालय से संबंधित कई विषयों पर जानकारी प्राप्त की। 'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, गृह सचिव राजीव गौबा और गृह मंत्रालय के सभी 19 विभागों के संयुक्त सचिवों ने अपने-अपने विभागों के कार्य, उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में बताया। शाह ने सभी को विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। गृह राज्यमंत्री जीके रेड्डी और नित्यानंद राय भी बैठक में शामिल रहे।
'अमित शाह के सामने नहीं टिकेगी कोई चुनौती'
बैठक के बाद जब नित्यानंद से पूछा गया कि उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है तो उन्होंने कहा, "अमित शाह वो नाम है जिसके सामने कोई चुनौती नहीं टिकेगी।" वहीं, रेड्डी ने पूरे देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) लागू करने की अपनी मांग को दोहराया। उन्होंने कहा, "इसमें कुछ गलत नहीं है। देश का नागरिक कौन है, इसका एक रिकॉर्ड होना चाहिए। हर देश में नागरिकों का एक रिकॉर्ड है। भारत में ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए?"
NRC भाजपा का बड़ा मुद्दा
बता दें कि NRC भारतीय जनता पार्टी का एक बड़ा मुद्दा रहा है और ये उसके घोषणापत्र में भी शामिल था। शाह ने खुद अपने कई भाषणों में इसे जरूरी बताते हुए अवैध आप्रवासियों को घुसपैठियां और दीमक बताया था। पश्चिम बंगाल में प्रचार के दौरान भाजपा ने खास तौर पर इसका प्रचार किया था और कहा था कि अगर भाजपा की सरकार आई तो असम की तरह पश्चिम बंगाल में भी NRC लागू किया जाएगा।