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राम मंदिर निर्माण के लिए की जा रही तांबा दान करने की अपील, जानिए क्यों

राम मंदिर निर्माण के लिए की जा रही तांबा दान करने की अपील, जानिए क्यों

Aug 20, 2020
06:18 pm

क्या है खबर?

अयोध्या में गत 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन किए जाने के बाद श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसी बीच एक नई बात यह सामने आई है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर को भूकंप, तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए निर्माण में लाहे की जगह तांबे का उपयोग करने का निर्णय किया है। इसके लिए ट्रस्ट ने लोगों से तांबा दान करने की अपील की है।

निर्माण

प्राचीन और पारंपरिक निर्माण तकनीकों से किया जाएगा मंदिर का निर्माण

ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेता चंपत राय ने कहा कि मंदिर का निर्माण भारत की प्राचीन और पारंपरिक निर्माण तकनीक से किया जाएगा। इसमें मंदिर को भूकंप, तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सिर्फ तांबे की छड़ों का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में CBRI रुड़की, IIT मद्रास के साथ L&T के इंजीनियर मिट्टी का परीक्षण कर रहे हैं। मंदिर का निर्माण 36-40 महीनों में पूरा हो जाएगा।

कारण

तांबे का उपयोग निर्माण को हजारों साल टिकाए रखता है- चंपत

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण में पत्थरों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए तांबे की छड़ों का उपयोग किया जाएगा। तांबे के उपयोग से निर्माण को हजारों साल तक टिकाए रखा जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार तांबा पानी से रिएक्शन नहीं करता है पर धीरे-धीरे संयोग कर ऑक्साईड बनाता है। यह लोहे में जंग लगने से उलट ऑक्साईड धातु के ऊपर एक परत बनाता है जो जंग और ऑक्सीकरण को रोकता है।

आवश्यकता

मंदिर निर्माण में 10,000 तांबे की पत्तियां और रॉड की आवश्यकता

चंपत राय ने बताया कि इंजीनियरों ने निर्माण में 18 इंच लंबी, 30mm चौड़ी और 3mm मोटी तांबे की प्लेटों का उपयोग करने की सलाह दी है। मंदिर क्षेत्र करीब तीन एकड़ का होगा। ऐसे में पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 10,000 तांबे की प्लेटों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि तांबा लाने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने मंदिर निर्माण में तेजी के लिए भक्तों से भी अधिक से अधिक तांबा दान करने की अपील की है।

अवसर

ट्रस्ट ने भक्तों को दिया मंदिर की दीवारों पर नाम लिखवाने का मौका

चंपत राय ने बताया कि गुरुवार को दिल्ली में हुई ट्रस्ट की बैठक में भक्तों को मंदिर की दीवारों पर अपना नाम लिखवाने का मौका देने का निर्णय किया है। इसके लिए भक्तों को केवल तांबा दान करना होगा। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए तांबे की पत्तियों को दान करने से पहले लोग उन पर अपना, अपने परिवार, निवास स्थान या अपने सामुदायिक मंदिरों का नाम भी उकेर सकते हैं। प्लेटों को नाम के साथ काम लिया जाएगा।

जानकारी

खुदाई में मिला चार फीट लंबा शिवलिंग

चंपत राय ने बताया कि खुदाई में चार फीट 11 इंच का एक शिवलिंग मिला है। यह जहां बाबरी मस्जिद को गिराया गया था, वहां से 12 फीट की गहराई में मिला है। ऐसे में यह मंदिर होने का बड़ा सबूत है।

आधारशिला

गत 5 अगस्त को रखी गई थी मंदिर की आधार शिला

बता दें कि गत 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत सहित अन्य नेताओं ने राम मंदिर की आधारशिला रखी थी। यह मंदिर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा। मंदिर के नए डिजाइन के हिसाब से मंदिर की ऊंचाई 161 फीट, चौड़ाई 235 फीट और लंबाई 360 फीट होगी। पहले यह क्रमश: 141 फीट, 160 फीट और 280 फीट होनी थी। नागर शैली में बनने वाले इस मंदिर के गर्भगृह के पास पांच गुबंद होंगे।