अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका, दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक बरकरार रखी
क्या है खबर?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाला मामले में बड़ा झटका लगा है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर फैसला सुनाते हुए उनकी जमानत पर रोक को बरकरार रखा है। हाई कोई की नियमित पीठ में इसकी सुनवाई जारी रहेगी।
बता दें कि केजरीवाल को 20 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी थी, लेकिन ED की याचिका पर 21 जून को हाई कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी।
टिप्पणी
कोर्ट ने क्या की टिप्पणी?
मामले में सुनवाई करते हुए अवकाश पीठ ने कहा, "हमने दोनों पक्षों की दलीलें सुन ली हैं। मौजूदा तथ्यों पर गौर करने से सामने आया है कि निचली अदालत की अवकाश पीठ ने धारा-45 के तहत PMLA के प्रावधानों पर विचार नहीं किया है। ऐसे में जमानत पर रोक बरकरार रहेगी।"
कोर्ट ने आगे कहा, "यह फैसला न होकर, लेवल जमानत पर रोक है। इस मामले में हाई कोर्ट की नियमित पीठ में चल रही सुनवाई जारी रहेगी।"
इंतजार
सुप्रीम कोर्ट ने कही थी हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात
हाई कोर्ट की ओर से जमानत पर रोक लगाने के बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
उस पर सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला आने तक इंतजार करने को कहा था।
जस्टिस मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा था कि मंगलवार तक हाई कोर्ट के फैसले की प्रति आ जाएगी, उसके बाद ही उनकी याचिका पर फैसला लिया जाएगा। इससे केजरीवाल का इंतजार और बढ़ गया।
चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की सुनवाई पर जताई थी चिंता
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की ओर से इस तरह के मामले में फैसले को सुरक्षित रखे जाने पर भी आश्चर्य व्यक्त किया था।
पीठ ने इसे असामान्य बताते हुए कहा कि सामान्य तौर पर स्थगन आदेश सुनवाई के बाद तुरंत ही पारित कर दिए जाते हैं, उनको सुरक्षित नहीं रखा जाता है।
पीठ ने कहा कि वह इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार किए बिना ही फैसला नहीं सुनाना चाहते हैं।
खारिज
निचली अदालत ने खारिज कर दी थी ED की मांग
20 जून को ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने ED की दलीलों को खारिज करते हुए 1 लाख रुपये के मुचलके पर केजरीवाल को जमानत दी थी।
सुनवाई के दौरान ED ने जमानत के विरोध में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 48 घंटों का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने उसकी मांग खारिज कर दी थी।
उसके बाद ED ने तत्काल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी और 21 जून को कोर्ट ने जमानत पर रोक लगा दी।
पृष्ठभूमि
क्या है शराब नीति का मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की।
बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें इस नई नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।
परेशानी
क्या केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिलेगी राहत?
हाई कोर्ट के जमानत पर रोक बरकरार रखने और नियमित पीठ में सुनवाई जारी रखने के आदेश से अब केजरीवाल का जेल से बाहर आने का इंतजार लंबा हो गया है।
उन्हें अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलना भी मुश्किल है।
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर फैसला आने के बाद सुनवाई करने की बात कही थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर फैसला न देकर केवल रोक बरकरार रखी है। यह केजरीवाल के लिए बड़ी परेशानी होगी।