सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल बोले- क्या एक मुख्यमंत्री के पास कम अधिकार होते हैं
सुप्रीम कोर्ट में आज शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ दायर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए इसके आधार और जरूरत पर सवाल उठाए। केजरीवाल की तरफ से उन्होंने कहा कि वह यह नहीं कह रहे है कि मुख्यमंत्री को छूट मिलनी चाहिए, लेकिन क्या उसके पास कम अधिकार होते हैं।
केजरीवाल बोले- मार्च तक ना आरोपी था और न संदिग्ध
सुनवाई के दौरान केजरीवाल की तरफ से सिंघवी ने कहा, "जेल में बंद किसी व्यक्ति से 16वां बयान लिया गया। इसके बाद उसे जमानत मिली और वह सरकारी गवाह बन गया। उसका बयान गिरफ्तारी का आधार है। वह बयान पिछले साल जुलाई का है। मुझे मार्च में गिरफ्तार किया गया। मैं यह नहीं कह रहा कि मुख्यमंत्री को छूट है, लेकिन क्या उसके पास कम अधिकार हैं? मार्च, 2024 तक मैं ना आरोपी था और ना संदिग्ध था।"
केजरीवाल ने गवाहों पर भी उठाए सवाल
केजरीवाल ने कहा कि कई बयानों में उनका नाम नहीं है और धारा 50 के तहत दिए गए केवल एक बयान में उनका नाम है। केजरीवाल ने उनके खिलाफ बयान देने वाले गवाहों के भाजपा को चंदा देने या भाजपा में शामिल होने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कई बयानों को अविश्वसनीय दस्तावेज माना और केवल उन बयानों को लिया, जिनमें केजरीवाल का नाम लिया गया।
केजरीवाल ने दी है हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती
बता दें कि केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उसने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध बताया था। 9 अप्रैल को अपने फैसले में हाई कोर्ट ने कहा था कि ED के पास केजरीवाल के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और उन्होंने दूसरों के साथ मिलकर साजिश रची। उसने कहा था कि मुख्यमंत्री को पूछताछ से छूट नहीं दी जा सकती और जज कानून से बंधे हैं, राजनीति से नहीं।
21 मार्च को गिरफ्तार किए गए थे केजरीवाल
ED ने कथित शराब नीति घोटाले में 21 मार्च को केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। पहले 11 दिन वह ED की हिरासत में रहे और 1 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। अभी वह 7 मई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (APP) गिरफ्तारी को लोकसभा चुनाव से जोड़ा है। उनका कहना है कि यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की भावना के खिलाफ है।
केजरीवाल पर क्या आरोप हैं?
ED का आरोप है कि केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने शराब कारोबारियों के फायदे के लिए अपनी नई शराब नीति में बदलाव किए थे और इसके बदले में 100 करोड़ रुपये रिश्वत ली थी। ED ने केजरीवाल को इसका सरगना बताया है। आरोप है कि उन्होंने शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा करने वाले विजय नायर को अपना बंदा बताया था। ED का कहना है कि केजरीवाल ने मनी ट्रेल और सैकड़ों फोनों को नष्ट कर सबूत मिटा दिए।