आम आदमी पार्टी के नेता कैलाश गहलोत ED के निशाने पर, समन मिलने पर पहुंचे
दिल्ली की शराब नीति मामले में दिल्ली सरकार के मौजूदा मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के एक और नेता प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर आ गए हैं। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को ED ने समन भेजकर शनिवार को पूछताछ और बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था। गहलोत ED दफ्तर पहुंच गए हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। ABP न्यूज के मुताबिक, गहलोत पर शराब नीति का ड्रॉफ्ट तैयार करने का आरोप लगाया गया है।
कैलाश गहलोत पर क्या हैं आरोप?
आज तक के मुताबिक, जांच एजेंसी का मानना है कि शराब नीति का ड्रॉफ्ट तैयार करने वाले समूह में शामिल गहलोत ने यह ड्रॉफ्ट दक्षिण भारत के एक समूह को लीक किया था। साथ ही आरोप है कि गहलोत ने दक्षिण भारत के एक कारोबारी विजय नायर को अपना सरकारी आवास दिया था। ED पहले भी दावा कर चुकी है कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान गहलोत ने अपना मोबाइल नंबर कई बार बदला था।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद चौथे नेता को समन
शराब नीति मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर ED ने AAP के चौथे नेता को समन भेजा है। इससे कुछ दिन पहले उन्होंने करीब 9 समन भेजने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। केजरीवाल ED के सभी समन को नजरअंदाज करते आए थे और पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे। अंततः ED ने 21 मार्च को उनको गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल अभी 1 अप्रैल तक जांच एजेंसी की हिरासत में हैं।
मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से जेल में बंद
शराब नीति मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह पहले से जेल में हैं। सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया और बाद में ED ने उन्हें जेल से गिरफ्तार किया। इसके बाद 4 अक्टूबर को ED ने संजय को गिरफ्तार किया। रिश्वत देकर नीति बदलवाने के आरोप में भारत राष्ट्र समिति (BRS) की विधायक और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता भी जेल में हैं।
क्या है दिल्ली का शराब नीति मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए CBI से जांच कराने की सिफारिश की। बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों और दक्षिण भारत के समूह से रिश्वत लेकर उन्हें नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।