#NewsBytesExplainer: दिल्ली में 150 साल पुरानी सुनहरी बाग मस्जिद से जुड़ा पूरा विवाद क्या है?
दिल्ली में करीब 150 साल पुरानी सुनहरी बाग मस्जिद को हटाए जाने को लेकर विवाद तेज हो गया है। दरअसल, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने मस्जिद को हटाए जाने के संबंध में लोगों से विचार मांगे हैं। मुस्लिम संगठन मस्जिद हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं। अब मस्जिद के इमाम ने इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। आइए समझते हैं पूरा मामला क्या है।
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
NDMC ने 24 दिसंबर को एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर लोगों से मस्जिद को हटाए जाने के संबंध में आपत्ति और सुझाव मांगे हैं इस नोटिस में कहा गया है कि यातायात को सुगम रूप से चलाने के लिए इंजीनियरिंग विभाग की तरफ से एक मस्जिद हटाने का प्रस्ताव आया है। ट्रैफिक की दृष्टि से ये काफी मुफीद रहेगा। इस संबंध में एक जनवरी तक आम लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं।
कहां स्थित है सुनहरी मस्जिद?
लुटियंस दिल्ली में रफी मार्ग से उद्योग भवन और रेल भवन के रास्ते पर सड़क के बीचों-बीच गोल चक्कर में ये सुनहरी मस्जिद स्थित है। इस गोल चक्कर को 'हकीम जी का बाग' भी कहा जाता है। इस बाग के बीच में ही सुनहरी मस्जिद है। दरअसल, इस गोल चक्कर से बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है, इसलिए ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए मस्जिद हटाने का प्रस्ताव लाया गया है।
कितनी पुरानी है मस्जिद?
मस्जिद के इमाम का कहना है कि मस्जिद 150 साल से भी ज्यादा पुरानी है। 1912 के एक नक्शे में मस्जिद को हकीम जी का बाग के रूप में दिखाया गया है। इतिहासकारों के मुताबिक, ये मस्जिद जहां है, उसके आसपास कभी सुनहरा नामक गांव हुआ करता था। जब दिल्ली को राजधानी बनाया गया तो गांव को तोड़ दिया गया, लेकिन मस्जिद बची रही। 1920 में गांधी जी के सहयोगी हकीम अजमल ने इसकी मरम्मत करवाई थी।
मुस्लिम संगठन-नेता कर रहे हैं विरोध
मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "NDMC के द्वारा जारी की गई अधिसूचना अनुच्छेद 25 का उल्लंघन करती है, जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। यह अनुच्छेद 29 का भी उल्लंघन करता है, जो संस्कृति की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 51-1A का भी उल्लंघन करता है।" जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, अमरोहा से सांसद दानिश अली समेत कई इतिहासकारों ने भी NDMC के नोटिस का विरोध किया है।
मामले को लेकर क्या है पेंच?
वक्फ बोर्ड की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने जुलाई में अंतरिम आदेश जारी कर दिसंबर में सुनवाई बंद कर दी थी। ये मस्जिद दिल्ली की उन 123 संपत्तियों में से एक है, जो हाईकोर्ट में लंबित मामले का हिस्सा है। संपत्ति के मालिकाना हक को लेकर भी अलग-अलग दावे हैं। मुस्लिम पक्ष इसमें उपासना स्थल अधिनियम, 1991, दिल्ली विकास अधिनियम, 1962 और वक्फ अधिनियम, 1995 जैसे अधिनियमों का हवाला दे रहा है।
न्यूजबाइट्स प्लस
इतिहासकारों के मुताबिक, दिल्ली में कुल 3 सुनहरी मस्जिदें हैं। एक चांदनी चौक में शीशगंज गुरुद्वारे के पास है, जिसका निर्माण साल 1721 में रोशन उद-दौला ने करवाया था। एक सुनहरी मस्जिद लाल किला के पास भी है, जिसका निर्माण कुदसिया बेगम ने करवाया था। इसमें 2 मीनारें और 3 गुंबद हैं। इन मस्जिदों के गुंबदों पर तांबे और सोने का पानी चढ़ा है, इसलिए इनका नाम सुनहरी मस्जिद पड़ गया।